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शनिवार, 4 जनवरी 2025

4358 ...श्वान चौराहे पड़ा है, चाहता वो ताप थोड़ा

 यशोदा के नमन

सर्वप्रथम आंग्ल नव-वर्ष की शुभकामनाएं
****
25 वर्ष  के युवक को वो सब फौरन चाहिए
जिसे उसके पापा ने प्राप्त करने के लिए
50 वर्ष लगा दिए

*****

हित चाहने वाला पराया भी अपना होता है,
और अहित करने वाला अपना भी पराया हो जाता है।।
रोग अपनी देह में पैदा होकर भी हानि पहुंचाता है।।
और औषधि वन में पैदा होकर भी हमारा लाभ ही करती है 

***

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"तुम्हारी पूजा का सामान क्योंकि मैं चाहता हूं कि 
तुमने मेरे लिए घर छोड़ा है लेकिन जो संस्कार खून में बसे हैं , 
उनकी मैं इज्जत करता हूँ । तुम अपनी पूजा जारी रखना इसी में हमारी खुशी है।
उनके घर में दुर्गा सप्तशती और कुरान एक साथ रखे थे।






श्वान चौराहे पड़ा है
चाहता वो ताप थोड़ा
जब मनुजता दुरदुराती
आग ने कब साथ छोड़ा
पूस की जो रात ठंडी
घाव टोपी का उधेरा।।






उद्यान के अलग-अलग हिस्सों के इतिहास-भूगोल, उसकी विशेषताओं को बताते, समझाते, दिखलाते, राज ने एक जगह झाड़ियों से घिरे चलते फव्वारों के पास रुक कर कहा, चलिए आपको तालियों का एक चमत्कार दिखाता हूँ। आप सब मेरे साथ ताली बजाएंगे तो फौवारे का पानी बंद हो जाएगा और फिर जब दुबारा मेरी तालियों के साथ लय मिलाएंगे तो फिर फौव्वारे चलने शुरू हो जाएंगे ! सभी विस्मित थे कि ताली की आवाज से पानी कैसे नियंत्रित हो सकता है ! सब उत्सुकता के साथ फौव्वारों के पास इकट्ठे हो गए।




सदा सच बोलो !
दीन दुखी की सेवा करो !
बड़ों का सम्मान करो !
छोटों को प्यार करो !
रोज़ सुबह ईश्वर का ध्यान करो !




खाँसी और ज़ुकाम  का,
करके काम तमाम।
अदरक वाली  चाय  ने,
ख़ूब कमाया नाम।।


आज बस
वंदन

4 टिप्‍पणियां:

  1. मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर सूत्रों से सजी आज की हलचल ! मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

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