सादर अभिवादन
तुम आओ, ना आओ तुम्हारी मर्जी..!
तुम बहिष्कार करो, या ना करो, तुम्हारी मर्जी..!!
तुम मुहूर्त,कर्मकांड, मंदिर शिल्प, मंदिर की पूर्णता, अपूर्ता..!
में कमी निकालो तुम्हारी मर्जी।
लेकिन सुन लो, और जान लो......
सम्पूर्ण भारत, आमजन, खासजन, बलिदानी कारसेवकों के परिवार, असली शिव सैनिक, सभी जगतगुरु, महामंडलेश्वर, देश के सभी तीर्थों के महंत, प्रमुख मंदिरों के आचार्य, पीठाधीश्वर,सभी अखाड़ो के प्रमुख, धनकुबेर, अम्बानी, अडानी, डालमिया, बजाज, प्रमुख उद्यमी, देश के प्रतिष्ठित ऐसे लोग जिन्होंने देश का नाम सम्पूर्ण विश्व मे ऊंचा किया है, नामी खिलाड़ी, रामजी के भक्तजन, और सभी वो व्यक्ति जिसके हृदय में राम बसते हैं, केरल से कश्मीर, नेपाल भूटान तक, असम बंगाल से राजस्थान गुजरात तक राम में आस्था विश्वास रखने वाले वे लोग, जो राम को जीते हैं राम के लिये मरते हैं, जिनका संबोधन "राम राम" है, जिनकी आस्था, अस्मिता, आत्मगौरव, अभिमान "राम" हैं, वे सभी, कोई मीलों से सर पर रामचरण रखे पैदल, कोई कार, कोई गाड़ी, कोई ट्रेन से आ रहे हैं, पर आ रहे हैं..!!
पूरा देश नाच रहा है झूम रहा है, जगह-जगह पर पूजा हो रही है, बंदनवार सज रही है,
सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं नए-नए भजन गाए जा रहे हैं, सामूहिक कार्यक्रम हो रहे हैं
गोष्ठियां हो रही है, चर्चाएं हो रही हैं।
पूरा राष्ट्र खुशी के मारे सब कुछ भूल कर नर्तन कर रहा है, कीर्तन कर रहा है, भजन कर रहा है,
हर कोई व्यक्ति आह्लादित है उमंगित है। 500 सालों का इंतजार खत्म हो रहा है,
राम आ रहे हैं..... हमारे राम आ रहे हैं ... वैसे ही जैसे रावण को खत्म करके राम अयोध्या पधारे थे।
उस समय केवल अयोध्या ने तैयारियां की थीं, अब पूरा देश उनके स्वागत में घी के दीए जला रहा है।
और....सुनो...
अयोध्या में पर्यटन से सालाना करोड़ों रुपए का रोजगार पैदा होगा।
आसपास के 6-7 जिलों के आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तन आने वाला है।अयोध्या में 160 नए
होटल खोलने के लिए प्राइवेट कंपनियों के प्रस्ताव आ चुके हैं।
तुम आओ या ना आओ अयोध्या विश्व का "सांस्कृतिक चेतना केंद्र" बनने वाला है।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन संपूर्ण विश्व टेलीविजन पर लाइव जुड़कर एक नया विश्व कीर्तिमान बनाने वाला है।
"सिया राम मय सब जग जानी।
करहु कृपा जगदंबा भवानी"।।
जी ! .. सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. हमारी बतकही को अपनी आज की प्रस्तुति की थाली में परोसने के लिए .. आपकी आज की तथ्यात्मक और ओजपूर्ण भूमिका .. आज की थाली में परोसे गए किसी मिर्ची के चटपटे-तीखे अचार की तरह है .. जो किसी के लिए स्वाद बढ़ाने का ज़रिया है तो .. किसी की जिह्वा पर आग लगाने का साधन भी .. शायद ... 🙏
जवाब देंहटाएं😀😀😀
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
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