बातख़ल्लुफ़ ही सही, ज़िंदगी में यूं तो हसरतें बेशुमार रह गए,
सूखी नदी की वेदना सिवाय पत्थरों के कोई भी नहीं जानता,
टूटा हुआ पुल ही सही, उम्मीद ए सफ़र दरमियां हमारे रह गए,
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शिवता का आराधन हो!
जवाब देंहटाएंप्रेम-पुलकमय प्रति जन हो,
नूतन का अभिनंदन हो!
बेहतरीन अंक
सादर
नववर्ष की मंगलमय शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
कितना सुंदर आगाज़।
जवाब देंहटाएंनए साल का हो या आपके सुंदर आह्वान का। मन प्रसन्न हो गया। मेरी तरफ से भी आपको और अपने सभी मित्रों को भी ये नया साल आकाश भर खुशियां दे।
सुंदर संकलन लाने के लिए आभार और अभिनंदन प्रिय सखी।
अंदर लिंक्स नव वर्ष के … बहुत आभार मुझे शामिल करने के लिए
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनाएँ 🌷🌷🌷🌷🌷🌷सुंदर लिंक्स ।
जवाब देंहटाएंमनमोहक भूमिका के साथ सुंदर प्रस्तुति। बहुत अच्छी रचनाओं के लिंक्स। मेरी अभिव्यक्ति को पाँच लिंकों में स्थान देने हेतु बहुत बहुत शुक्रिया प्रिय श्वेता।
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