फिर भी दिन है की रोज टपक जाता है ज़िन्दगी से
उम्मीद घोल के पीता हूँ हर शाम
कि बेहतर है सपने टूटने से
उम्मीद के हैंग-ओवर में रहना
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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बहुत सुंदर प्रस्तुति का हृदयतल से आभार।
जवाब देंहटाएंअप्रतिम..
जवाब देंहटाएंकाश ऐसा होता
मौसम के अनुरूप देश बदल लेते
बेहतरीन। अंक
सादर
धन्यवाद श्वेता जी।
जवाब देंहटाएंअच्छी हलचल है … आभार मुझे शामिल करने के लिए
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