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शनिवार, 25 नवंबर 2023

3955 ..चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का ...

 सादर अभिवादन

सदा दीदी काफी दिनों से नहीं दिख रही थी
कल उनसे मेल पर बात हुई
वे आज-कल रीवा में है, संभवतः एक-दो रोज में फेसबुक पर दिखाई देंगी, 
उनकी एक रचना मैं क्वांर के महीने में पांच लिंकों का आनंद पर लगाई थी 
और लिंक मेल कर दी थी... वो रचना यहां है..

अब रचनाएं देखें....




चलो न चलें
कहीं तो चलें

इधर नहीं तो
उधर ही चलें

नीचे नहीं तो
ऊपर ही चलें





हे माँ मैं हूँ भक्त तुम्हारी
मुझ पर तुम ये दया दिखा दो
रोज़ नए उलझन में पड़कर
मन उलझा रहता है
द्वार तुम्हारे आने को माँ
व्याकुल मन रहता है।




अलसाई सुबह की अंगड़ाई लेती चुस्की l
नचा रही मन पानी दर्पण अंतराल साथ ll

भींगी ओस नमी ख्यालों की ताबीर खास l
मूंद रही नयनों को जगा रही फूलों साथ ll




बोनसाई का सीधा सा अर्थ यदि हम समझें तो वह होता है बौना पौधा। यह प्रजातियां वर्तमान दौर में खासी पसंद की जा रही हैं, टैरेस गार्डनिंग के शौकीनों का बोनसाई को लेकर जो लगाव है वह एक अलग और गहरी अनुभूति ही है, हालांकि जो इसे सहेज रहे हैं, जिनके टैरेस पर बोनसाई मौजूद है वह यह बात भी स्वीकार करते हैं कि इसकी देखरेख आसान नहीं है लेकिन जिन्होंने इन्हें लगाया या इनके आसपास समय बिताया वह इनके बिना रह भी नहीं पाते हैं। यह भी कहा जाता है कि बोनसाई एक महंगा शौक है, आंगन की बागवानी भी आसान नहीं है लेकिन बावजूद इसके डिमांड बढ रही है, यह ऑनलाइन भी खूब खरीदे जा रहे हैं। बोनसाई पर बात करते हैं, कुछ समझते हैं उनके बारे में। छोटे कद के पौधों को चाहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां यह कहना बेहद आवश्यक है कि बागवानी चाहे सामान्य पौधों, फूलों के पौधों, सजावटी पौधों या फलीय पौधों से की जाए या फिर बोनसाई लगाए जाएं लेकिन सच मानिए कि यह आपको अनेक बार अवसाद से बाहर भी निकाल लाने का कार्य करती है। ऐसे उदाहरण आपको मिल जाएंगे।





चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का ।

भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का ।



आज बस
कल  फिर मिलेंगे
सादर

3 टिप्‍पणियां:

  1. हार्दिक धन्यवाद यशोदा जी मेरी रचना को आज की हलचल में सम्मिलित करने के लिए ! बहुत बहुत आभार ! सप्रेम वन्दे !

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