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मंगलवार, 18 अप्रैल 2023

3732 ....कहावत है न कि एक मरता है तो हजार नए पैदा होते हैं

 सादर अभिवादन

परसों महामानव अतीक की हत्या कर दी गई
नहीं करनी चाहिए थी
कहावत है न कि एक मरता है  तो हजार नए पैदा होते हैं
चलो जो हुआ अच्छे के लिए ही हुआ होगा
अब रचनाएँ देखें ....




कोरी  कापी  और नया पैन
रोज लिखने के लिए
टेबल पर रखती पर
पैन ना चलता  |
फिर से कोशिश करती
फिर पैन को फैक देती





कल  तक एक पेड़ था आज बबूल हो गया।
कलतक अनुकूल थाआज प्रतिकूल हो गया।

मौसम अजीबोगरीब है या हमारी अक्लियत,
कल  तक जो कांटा  था आज फूल हो गया।





पहले जैसा देश नहीं है,
वेदों के सन्देश नहीं है,
उज्ज्वल अब परिवेश नहीं है,
महिलाओं के केश नहीं हैं,
सूखी सरिताओं में कैसे, जल का प्रबल प्रवाह भरूँ?
तन-मन के रिसते छालों के, कैसे अब मैं घाव भरूँ?




जब भी हिन्दू किसी मंदिर में जाकर किसी देवी ,देवता की पूजा करते है  ,तो मुस्लिम  तो मुस्लिम मजाक करते हैं की तुम्हारे जो भगवान खुद को भी नहीं बचा सके तो तुम्हारी रक्षा कैसे करेंगे ? इस लेख के माध्यम  से हम  ऐसे मुस्लिमों को बताते हैं कि तुम जिन गैर मुस्लिमों को काफिर कहते हो उन्ही काफिरों ने अल्लाह की जान मुस्लिमों से बचाई थी  जब  मुस्लिमों ने अल्लाह को बंधक बना लिया था

आज के लिए बस
सादर

2 टिप्‍पणियां:

  1. अतीक महामानव नहीं था
    उतना ही सच है कि हत्या होना ही तय था
    ना जाने कितनी जेबें गरम हुई ना जाने कितने चेहरे छुपे रह गये

    विचारणीय है यहाँ इस तरह की चर्चा कितना सही?

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय दीदी
      मानती हूं चर्चा उचित नहीं है
      पर आनंद छुपाए नहीं छुपता
      चेतावनी हेतु आभार
      सादर नमन

      हटाएं

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