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मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

3718 ...वक़्त की साँकल से अटका इक दुपट्टा रह गया

 सादर अभिवादन

आज महावीर जयंती है

हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है। इस साल महावीर जयंती 04 अप्रैल को है। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म बिहार के कुंडा ग्राम में हुआ था। भगवान महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था। कहा जाता है कि 30 वर्ष की आयु में इन्होंने राज महलों के सुख को त्याग कर सत्य की खोज में जंगलों की ओर चले गए। घने जंगलों में रहते हुए इन्होंने बारह वर्षों तक कठोर तपस्या की, जिसके बाद ऋजुबालुका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे उन्हें कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। भगवान महावीर ने समाज के सुधार और लोगों के कल्याण के लिए उपदेश दिए।

अब देखें रचनाएं ...



कल मेरी बेटी ने विदेश से लौटते वक्त
मुझसे पूछा..माँ आपके लिए क्या लाऊँ तौहफ़ें में
मैंने कहा बस दो चार
मेपल ट्री की पत्तियाँ ले आना
चाहे सूखी ही क्यों न हो।
ये ज़िंदगी की हकीकत का आईना हैं।
सूखी पत्तियाँ अच्छी लगती हैं।




ब्याखुन्दा बगत भैर अंध्यारु ह्वैगे छौ, मोल्ला वळौंन लैट बत्ती बाळिल छै। मि पूजा बत्ती करि जनि थान बटि भैर बैठक मा आयी उनि मुबेलौ घ्वां-घ्वां, कुण-कुण, कुण। मिन हर्यूं बटन सरकायी ही छौ कि म्यार हेल्लो ब्वन सि पैली हैका तर्फां बटिन म्वटी गैरी बाज मा। हल्लोऽऽ....?



आंसुओं से तर-बतर मासूम कंधा रह गया,
वक़्त की साँकल से अटका इक दुपट्टा रह गया …

ज़िन्दगी वक़्त की रफ़्तार के साथ निरंतर चलती है पर कई बार कुछ ऐसे लम्हे आते हैं जो समय तो नहीं किंतु आपको रोक लेते हैं … मेरे जीवन में भी विगत कुछ हफ़्ते ऐसे बीते जिनकी चर्चा आप सब के साथ करना चाहता हूँ … विशेष कर उनके साथ जो हमारे जैसे अधेड़ हैं … (वैसे तो किसी भी आयु में ये हो सकता है) और इस बात पर ध्यान दे सकते हैं

 


तेरा- मेरा प्यार ज़िंदगी
मीठी- सी तकरार ज़िंदगी ।

खो बैठे धन अमर-प्रेम का
तब तो केवल हार ज़िंदगी




चले पिया जी सब्जी लाने, पाकर पत्नी से शिक्षा।
प्रिया ने जो था पाठ पढ़ाया,देने उसकी परीक्षा।

पत्नी जी की पसन्द की, वे सभी सब्जियाँं लाने।
हर सब्जी के दामों में,लगे दो-दो रुपए घटवाने।




तकलीफ सीने में ,
यूं दबाकर बैठे हो ,
कहते कुछ नहीं ,
बस रूठे और ऐंठे हो ,
किस बात का मसला है ,
कह दो तो जरा ,
मिलेगा सुकून मन को ,
ढहेगा उदासी का किला ।

आज के लिए बस
सादर

7 टिप्‍पणियां:

  1. शुभकामनाओं के संग साधुवाद
    उम्दा लिंक्स चयन

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर चयन सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक👌👌

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत आभार मेरे अनुभव को साझा करने के लिए …

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीया बहुत बहुत आभार आपका मेरी रचना को स्थान देने पर ,बहुत सुंदर संकलन ।

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय यशोदा मेम ,
    मेरी लिखी रचना ब्लॉग को इस मंच में स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद ।
    सभी संकलित रचनाएं बहुत ही बढ़िया है , सभी आदरणीय को बहुत बधाइयां ।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर संयोजन ! सभी को हार्दिक बधाई !
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार यशोदा जी 🙏

    जवाब देंहटाएं

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