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शुक्रवार, 21 अप्रैल 2023

3735....जहाँ में कोई अपना नहीं



शुक्रवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन
-------
जनसंख्या विस्फोट...
अब हम "एक अरब 42 करोड़, 86 लाख आबादी। हम जनसंख्या विकास में चीन को पछाड़कर दुनिया में नम्बर वन बन गये। 
"हम दो हमारे दो का नारा"
 "छोटा परिवार सुखी परिवार"
 इन जुमलों का कोई असर हुआ भी है क्या ?
 निर्धनता,गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, अपराध का बढ़ता ग्राफ ,लूटमार ,छीना-झपटी,मारा-मारी,घटते प्राकृतिक संसाधनों जैसे गंभीर रोगों से पीड़ित हमारे देश के लिए
जनसंख्या विस्फोट के इस समाचार से गंभीरतापूर्वक भविष्य की चेतावनी को समझने का इशारा है।

कोई भी घर, समाज, और देश सुखी सम्पन्न तभी रह सकता है जब लोग कम और संसाधन अपार हो,  
इसलिए "जनसख्या नियंत्रण कानून" की अब सख्त दरकार है।  
आपको नहीं लगता चिंतन, मनन बहुत हो चुका अब आवश्यक कार्यवाही की जानी चाहिए?

इतने भारी भरकम चिंतन के बाद आइये मन
को थोड़ा सुकून पहुँचाने के लिए पढ़ें कुछ 
रचनाएँ-

ज़िंदगी तेरे राह में हर रंग का नज़ारा मिला,
कभी खुशी तो कभी ग़म बहुत सारा मिला।
जो गुज़रा लम्हा ख़ुशी की पनाह से होकर,
बहुत ढ़ूँढ़ा वो पल फिर न कभी दोबारा मिला।

जो है खुद के पास कम लगता है ।
दूसरे की बड़ी सुहाती है जिंदगी।।

ठहरे से लगे पल खुशियों के जब ।
यकायक तब रुलाती है जिंदगी।।

मुश्किलात से ताउम्र राहत नहीं।
शनि की जैसे साढ़े साती है ज़िंदगी ।।


ऐ दिल बता किस तरह भुलाऊँ उनको,
फोडूँ शीशा ए दिल, न नज़र आऊँ उनको।
दूर तलक हर सिम्त परछाईयाँ नुमाया है,
कैसे मैं बात करूँ कहाँ से लाऊँ उनको...।

अहदे वफ़ा की क्या दरकार करें,
हमने भी उसको इस कदर न चाहा।

चाहत उल्फत की थी दोनों दिलों में ,
मगर किसी ने भी किसी को न चाहा।  

आपके एहसास ने जबसे मुझे छुआ है
सूरज चंदन भीना,चंदनिया महुआ है।
मन के बीज से फूटने लगा है इश्क़,
मौसम बौराया,गाती हवायें फगुआ है।
लगे बिन तुम्हारे जहाँ में कोई अपना नहीं 
रहे तेरे हाथों में हाथ मेरा,बस सपना यही
तेरे ईश्क़ की नदी में डूब मर जाना क़ुबूल 
मगर तुझसे बिछड़ कर जीना तमन्ना नहीं ।

कुछ रचनाओं को पढ़कर बहुत कुछ
सीखने को मिलता है। जीवन का अनुभव और 
जीवन को देखने का दृष्टिकोण एहसास और
विचारों को एक अलग 
 खुला आसमान प्रदान करता है-

खैरअब चार घंटे काटने के लिए मैने फिर अस्पताल की लायब्रेरी में किताब तलाशी. मेरे पास समय इतना कि लगभग दुगना. शल्य चिकित्सामुख्य भागमें दो घंटे लगे..और रिकवरी में ४ घंटे लगने थे.आप समझ रहे होंगे क्यूँकि सामान्यतः यही होता है हमेशा!!! रिकवरी प्रोसेस हमेशा अपना समय लेती हैपूर्ववत स्थिती में आने को..पूर्ववत स्थिती की अहमियत का अहसास दिलाने.

और चलते-चलते समय के साथ चलते हुए
नित नये अनुभव मिलना, बंद मुट्ठियों को खोलकर
 सीली हथेलियों से 
स्वप्नों की सुनहरी नन्हीं तितलियों को लड़खड़ाते हुए 
हौले-हौले उड़ते हुए नभ को चूमते देखना,
कितना सुखद होता है न ...।
आदरणीय सर को हम सभी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ, ऐसे ही स्वप्नों की खिड़की 
खोलकर आसमान में अपना नाम लिखते रहें-    

प्रायः आपकी-हमारी पहचान आपके-हमारे पद से की जाती है, आपकी-हमारी प्रसिद्धि से की जाती है, ना कि आपकी रचनाओं के स्तर और उसकी गंभीरता से। और तो और स्वजाति विशेष या अपने क्षेत्र के होने पर भी विशेष कृपा दृष्टि रखी जाती है। वैसे तो पाया ये भी जाता है, कि सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र है .. किसी का लल्लो-चप्पो कर के अपना काम निकालना, किसी एक के लल्ल-चप्पो से सामने वाले को बस ख़ुश हो जाना चाहिए।

आज के लिए इतना ही

कल का विशेष अंक लेकर

आ रही हैं प्रिय विभा दी।

6 टिप्‍पणियां:

  1. जी ! नमन संग आभार आपका .. इस मंच पर अपनी आज की बहुआयामी प्रस्तुति में मेरी बकैती को स्थान देने के लिए .. आज की आपकी भूमिका का विषय विचारणीय और सभी प्रस्तुत रचनाओं पर भारी है .. वैसे तो हमें "जनसख्या नियंत्रण कानून" की बात नहीं करनी चाहिए .. शायद ... वर्ना बेरोजगारी के लिए सरकार के सिर पर ठीकरे फोड़ने वाली गैंग आपके-हमारे सिर फोड़ने लग जाएगी .. हमें बस मौन रूप से जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग करने के लिए "मात्र एक ही संतान (लड़का हो या लड़की)" के अभिभावक बन कर गर्व महसूस काना होगा .. जब तक ये आडम्बरों से भरी थोंथी सोच रहेगी समाज में - पुत्र, मुखाग्नि, मोक्ष, वंशबेल, अल्लाह की नेमत, हम दो, हमारे दो जैसी या एक बेटा और एक बेटी होने पर सम्पूर्ण परिवार वाली धारणा है समाज में, तब तक इस कोढ़ग्रस्त समाज का कुछ नहीं होना जी .. शायद ...

    आज आप सभी से इस मंच के माध्यम से निवेदन है कि .. आज दिनांक - 21.04.2023, दिन - शुक्रवार को *आकाशवाणी, देहरादून* द्वारा *रात 8 बजे* से *कथा सागर* कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसारित होने वाली मेरी ज़ुबानी, मेरी कहानी सम्भव हो तो सुनिएगा .. बस यूँ ही ...

    1) इसके लिए आप अपने Mobile में *Play Store* से *newsonair* App को Download कर लीजिए।
    2) फिर उसको Open कर के उसकी दायीं ओर सबसे ऊपर कोने में उपलब्ध दर्जनों भाषाओं के विकल्पों में से *हिन्दी (Hindi)* भाषा वाले Option को Select कर लीजिए।
    3) उस के बाद बायीं ओर सबसे ऊपर वाली तीन Horizontal Lines को Click करने पर उपलब्ध Options में से तीसरे Option - *Live Radio* को Select कर लीजिए।
    4) इसके बाद खुले Web Page को नीचे की तरफ Scroll करते हुए Alphabetically क्रमवार A से U तक बढ़ने पर सामने *U* से *Uttarakhand* आते ही उसके अंतर्गत तीन Options में से एक *Dehradun* को Click कर लीजिए।

    जवाब देंहटाएं
  2. भूमिका का विषय विचारणीय और सभी प्रस्तुत रचनाओं पर भारी है ..
    बेहतरीन अंक
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बिहार के मुख्यमंत्री की योजना
    नौ दो ग्यारह
    अठारह बीस
    सत्ताईस
    (भविष्यफल अनजाना)
    बाकी राज्य में विस्फोटक क्यों हुआ होगा•••

    उम्दा लिंक्स का चयन

    जवाब देंहटाएं
  4. सारगर्भित भूमिका एवं उत्कृष्ट लिंकों से सजी लाजवाब प्रस्तुति ।सभी रचनाओं से पहले आपकी काव्यात्मक प्रतिक्रिया ओं का तो क्या ही कहने ।
    सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  5. आज की प्रस्तुति में विचारणीय मुद्दा उठाया गया है । जनसंख्या की दृष्टि से भारत पहले नम्बर पर पहुँचा । नारे क्या मात्र नारे रहे । लेकिन मेरा प्रश्न है कि आप अपने आस पास देखें तो पाएंगे कि हर घर में एक या दो संताने ही दिखाई देंगी । राजनैतिक पार्टियाँ अपने लाभ के लिए शरणार्थियों को शरण देती रहेंगी । विशेष समुदाय के लोगों को बिना किसी जांच पड़ताल के इस देश का नागरिक घोषित करती रहेंगी , तो ये तो होना ही था । जिस दिन उनकी संख्या 40 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी उस दिन ये देश स्वतंत्र नहीं रहेगा और बाकी जनता पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया जाएगा । निम्नवर्ग के लोगों की सोच कि जितने मुँह होंगे उनसे दुगने हाथ होंगे कमाने के लिए तो कैसे जनसंख्या रुकेगी । ये विषय लम्बी बहस का है ।
    विचार करना ज़रूरी है ।।बाकी पोस्ट नहीं देख पाई हूँ । फिर देखूंगी ।
    गंभीर विषय को उठाने के लिए बधाई ।।

    जवाब देंहटाएं

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