बस
कल आएगी सखी
सादर
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बहुत अच्छी प्रस्तुति दी।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बढ़िया लगी।
आपकी सजगता सराहनीय है।
प्रणाम दी।
सादर।
सुप्रभात, आभारी हूुं आपका यशोदा जी मेरी रचना को सम्मान देने के लिए। सभी रचनाएं श्रेष्ठ हैं और आपका चयन शानदार। गुलमोहर से शुरुआत मन को प्रसन्न कर गया। प्रकृति का नेह उसके रंगों में प्रदर्शित होता है। खूब बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति विश्व विद्या कृपाल जी साधुवाद आपको 🙏
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं मन को छू लेने वाली हैं।
सुप्रभात!
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीदी,सुंदर रचनाओं का संकलन प्रस्तुत करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार। सादर शुभकामनाएं.. जिज्ञासा सिंह।
बहुत सुंदर संकलन, यशोदा दी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएं, बहुत ही बेहतरीन संकलन।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तूति ।
जवाब देंहटाएंन पंखे थे न पंख
फिर भी मन में थी
कवि की मौलिकता
और सोचते जा रहे कि
कैसे करें सफलता का आलिंगन
किसी ने धीरे से कहा
यहाँ सब फरेब है
सुन कर आहत हुआ मन
लेकिन फिर आवाज़ आयी कि
रुको नहीं तुम आहत हो कर
और कदम बढ़ते गए
राह के दोनो ओर खिले
गुलमोहर महक रहे थे । ....
सब पढ़ कर आये , सबूत पेश है 😄😄😄😄
प्रस्तुति*
हटाएंआभार दीदी..
हटाएंसादर नमन..
उत्कृष्ट लिंकों से सजी हलचल प्रस्तुति... ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
आ.संगीता जी के सबूत ने तो एक खूबसूरत रचना रच डाली।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सुधा जी ।
हटाएंबहुत ही सुन्दर संकलन
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