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बुधवार, 23 जून 2021

3068..छू लेंगे आकाश उछल के...

 ।। उषा स्वस्ति।।

"दूर क्षितिज पर सूरज चमका,सुब्‍ह खड़ी है आने को

धुंध हटेगी,धूप खिलेगी,साल नया है छाने को

प्रत्यंचा की टंकारों से सारी दुनिया गुंजेगी

देश खड़ा अर्जुन बन कर गांडिव पे बाण चढ़ाने को..!"

गौतम राजरिशी

चलिए एक पल के लिए मौजूदा हालात को परे रख कुछ क्षण बिताते हैं.. बस...
यहीं पर यहाँ हम सभी के शब्द बोलते हैं...✍️

सारथी मैं हूँ (बेटे से संवाद )


तुम चलो, सारथी मैं हूँ 
थोड़ा सा तो चलो, डगर पर कदम बढ़ाओ
उन कदमों से कदम मिलाते चलते जाओ
अपने कदमों का दो सच्चाई से साथ,सारथी मैं हूँ 
कोशिश बहुत की मगर ये रात ख़िसक जाती है
चेहरे पे उसकी उदासी जब भी आती है
मेरी तमन्नायें यूँ ही सुलग जाती है..

बच्चे प्यारे फूल कमल के
छू लेंगे आकाश उछल के
तोड़ रहे जो पत्थर पथ पर
सपने उनके नहीं महल के

समसामयिक आलेख...
हाल ही में एक बिलकुल अलग किस्म का अनोखा सर्वे 
यह पता लगाने के लिए किया गया कि
भारत में राजनीति के धंधेबाज़ों में से
किसकी बीनाई सबसे तेज़ है।
पता चला ममताबाड़ी की
कल्लो बंगालिन बाईनोकुलर विजन


यूँ भी
किसी के पूछे जाने की
किसी के चाहे जाने की 
किसी के कद्र किए जाने की

चाह में औरतें प्राय: 
मरी जा रही हैं
किचिन में, आँगन में, दालानों में...

आज की पेशकश के साथ हम तो यहीं थमते है...फिर मिलेंगे

।। इति शम ।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह ' तृप्ति '...✍️


7 टिप्‍पणियां:

  1. प्रत्यंचा की टंकारों से
    सारी दुनिया गुंजेगी

    देश खड़ा अर्जुन बन कर
    गांडिव पे बाण चढ़ाने को..!"
    बेहतरीन आगाज़
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी रचनाओं का चयन...। सभी रचनाकारों को खूब बधाईयां।

    जवाब देंहटाएं
  3. समसामयिक तथा सुंदर रचनावों से आज का अंक सजाने के लिए आपका बहुत आभार पम्मी जी, आपके श्रमसाध्य कार्य हेतु आपको हार्दिक शुभकामनाएँ,मेरी रचना के चयन के लिए शुक्रिया।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही बेहतरीन लिंक्स ... आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

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