।। भोर वंदन ।।
"टोकरी भरकर गुलाबी फूल लाऊँगा
इस हवा को मैं सुगन्धों से सजाऊँगा
हँसो चम्पा ! डरो मत यह समय बीतेगा ,
आदमी इस वायरस से जंग जीतेगा ,
मैं तुम्हारी वायलिन पर गीत गाऊँगा "
जयकृष्ण राय तुषार
उम्मीदों की चादर ओढ़कर, आइये चलें शब्दों की गहराइयों में...✍️
अब राज़ क्या है मुझको ज़ाहिर करो ज़रा सा,
दिल में रखा जो तूने मेरे लिए सज़ा सा ।
ये चश्म-ए-अश्क़ देखो, क्या मर्ज़ की दवा है,
हो टीस जिसके दिल में, पूछो उसे नशा सा ।
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हमें लगता है कि मुझे देख लोग क्या कहेंगे ! अरे कौन से लोग ?
दुनिया में कौन है जो पूरी तरह से देवता का रूप ले कर पैदा हुआ है ?
हरेक इंसान में कोई ना कोई कमी होती है !
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ढाँप-ढाँप ढोंगी पर,
ढोंगी है ढोल,
ढोलकी की थाप पर नाच रहे चोर,
चोरों की ताल पर नाचे जो राजा....
तक धिना धिन,तक धिना धिन
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इक सफर पर मैं रहा, बिन मेरे
उस जगह दिल खुल गया, बिन मेरे
वो चाँद जो मुझ से छिप गया पूरा
रुख़ पर रुख़ रख कर मेरे, बिन मेरे
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सम्मोहन
गज़ब का सम्मोहन उसकी हर बातों में
दिलकश मीठे मीठे रूमानी अंदाज़ों में
लफ्जों अल्फाजों की वो सुन्दर जादूगरी
जुगनू सी चमकती उसके होटों की हसी
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- "यान पर आपका स्वागत है, श्रीमान!" उनमें से एक ने मुझे देखते ही अपनी यांत्रिक आवाज में कहा।
- "कौन हैं आप लोग ?" मैं उन्हें अपलक निहार रहा था कि अनायास ही यह प्रश्न मेरे मुख से निकल पड़ा।
- "हम यहाँ से लाखों प्रकाशवर्ष दूर एक ग्रह के अर्द्ध मानव हैं।"
- "अर्द्ध मानव.......?" मैं चौंका।
- "जी हाँ, हमारे ग्रह पर भी ठीक पृथ्वी के समान ही विकसित सभ्यता है। वहीं के मनुष्यों ने क्रत्रिम मानव अंगों का निर्माण कर हमारा आविष्कार किया है। परंतु भूमि, जल, अग्नि और वायु इन चार तत्वों के सहारे उन्होंने शरीर के सभी घटक तो बना लिए किंतु पाँचवें आकाश तत्व के साथ वे सामंजस्य नहीं बिठा पाए। जिसके कारण हमें मानवीय क्रियाऐं करने के लिए कुछ यांत्रिक साधनों का उपयोग करना पड़ता है।" उसने विस्तार से समझाया।
- "परंतु वे जो अभी यान से बाहर गए ........?"
- "वे आपके पडौसी शुक्र ग्रह के ही प्राणी हैं।"
- "व्हाट......!!?? मेरे दिमाग को जैसे बिजली के तार ने छू दिया हो, "शुक्र ग्रह........लेकिन वहाँ तो ठोस धरातल की भी आशा नहीं है। और वहाँ के वातावरण में जीवन.........!!!??? असंभव।"
।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंशीर्ष पर तुषार जी
दिल बाग-बाग हो गया
आभार..
सादर..
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसादर
सुंदर रचनाओं से सज्जित लाजवाब अंक,बहुत शुभकामनाएं पम्मी जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना संयोजन
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