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बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

2027..जिन्दगी तुम मुझे यूं ख़्वाब दिखाया न करो..

 

।। उषा स्वस्ति ।।

जीवन-तरु जिससे पाता है हरियाली अति प्यारी।

पा अनुपम पानिप तन बनता है बल-संचय-कारी।

पुलकित, कुसुमित, सुरभित, हो जाती है जन-उर-क्यारी।

भोर का उठना है उपकारी..!!

'हरिऔध'

बदलते मौसम,
बदलते दिन और बदलते जीवनशैली के साथ अनेक विचार,
हर दिन  जगमग लौ के साथ राह दिखाता..तो इसी के साथ पढ़िये..✍️

➿➿➿



रूपसी

खन खनन कंगन खनकते, पांव पायल बोलती हैं।

झन झनन झांझर झनककर रस मधुर सा घोलती हैं।

सज चली श्रृंगार गोरी आज मंजुल रूप धर के।

ज्यों खिली सी धूप देखो शाख चढ़ कर डोलती है।

➿➿➿


जड़ों का चिंतन...

 जड़ों को देख पाना आसान नहीं होता, हम तो केवल महसूस कर लें....।
कल एक पौधे को गमले से निकाल कर फैंका गया होगा...
मेरी उस पर नजर ठहर गई...।
जड़ों से रिश्ता क्या होता

➿➿➿


 सरल शब्दों में समझिए आम बजट: 2021-22

 वर्तमान दशक का पहला बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 1 फरवरी 2021 को पेश किया। इस बजट से काफी उम्मीदें लगाई ..

➿➿➿


ठहरे हुए पल..

दो चाय की प्यालियां रखी

हैं मेज़ के दो किनारे,

पड़ी सी है बेसुध

कोई मरू

नदी

दरमियां हमारे, तुम्हारे -

ओंठों पे आ कर

रुक जाती हैं

मृगतृष्णा,

पलकों

के आसपास बिखर जाते

हों जैसे सितारे, मैं..

➿➿➿


गजल

जिन्दगी तुम मुझे यूं ख़्वाब दिखाया न करो

तिश्नगी है बहुत उजालों की आस दिलाया न करो।।

 करूं शिकवा भला कैसे शिकायत हो गई जिन्दगी

 मलहम भी कांटो की नोक से लगाया न करो।..

➿➿➿

 ।। इति शम ।।

 धन्यवाद

 पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️

10 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया और सार्थक प्रस्तुति। पम्मी सिंह जी का हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति हार्दिक आभार पम्मी जी हमारी रचना को शामिल करने के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  3. आभार आपका...। सभी रचनाएं शानदार हैं...।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर भूमिका,पठनीय सूत्रों से सजी
    सराहनीय प्रस्तुति दी।

    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  5. सभी रचनाएँ अपने आप में हैं लाजवाब, मुझे जगह देने हेतु असंख्य आभार - - नमन सह।

    जवाब देंहटाएं
  6. हरिऔध जी की मनोहारी पंक्तियों से विशिष्ट शुरूआत बहुत सुंदर पम्मी जी।
    शानदार प्रस्तुति मनभावन लिंक सभी रचनाएं बहुत आकर्षक।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं

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