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शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2021

2029 ..गुरुत्वाकर्षण का मुख्य केंद्र हो तुम जो खींच लेती हो मेरी हर निराशा को

शुक्रवारीय अंक में

आपसभी का स्नेहिल अभिवादन

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अनदेखे-अनजाने दिवस के रिक्त पलों में
जाने कौन से पल कब जीवंत हो जायेंगे?
समय के पाँसे जीवन से खेलते हैंं हरपल 
अगले दाँव में 'क्या' प्रश्न ज्वलंत भरमायेंगे
तारीख के पत्थर पे जो गढ पाये पाँव के निशां 
स्मृतियों के संग्रहालय में वही सजाये जायेंगे।
#श्वेता

फिर तुम्हारी राहों में 

स्वर मद्धम बिखरेंगे, फिर सभी दिशाओं में !
भटकेंगे प्राण मेरे, फिर तुम्हारी राहों में !!

आसपास, फिर उदास, सुन पड़ेगी इक पुकार ।
फिर तुम्हारे नयनों से, बह चलेगी अश्रुधार ।


गुरुत्वाकर्षण का मुख्य केंद्र हो तुम
जो खींच लेती हो मेरी हर निराशा को
कितना कुछ है तुम्हारी बातों की पोटली में
जो हर बार जीने का कारण ढूँढ़ लाती हो



पाती कुरजां कहे कुशलता 
नैन छूट रही जल धार
घड़ी दिवस बन संगी साथी
चीर बदलते बारम्बार 
घूम रहा जीवन धुरी पर
विधना का उपहार सखी ।।

दफ़न अब तलक सीने में थी जो चिंगारी l 
सोहबत में उसकी रजा बन गयी परछाई की ll 

रंगरेजन रंग गयी हौले से तन्हाई को l
महक उठी हीना जीने शहनाई को ll

व्याकुलता तृष्णा के मारे
देख न पाते नयन हमारे
मादक मोहक चारो ओर
बिखरा है आनंद विभोर.

और चलते-चलते पढ़िए
एक बाल कविता

फेरीवाले भैय्या हैं आये,
देखो देखो हैं भैया आये।

साथ में देखो,क्या वो लाये,
बुढ़िया के बाल वो लाये।

साहित्य को रूचिकर बनाने के लिए
 नवीन रचनात्मक प्रयोग
आप भी देखिए सुनिये और उत्साह बढ़ाइये 

गोपेश सर की रचनाएँ
'साहित्य सरोवर ' साहित्य जगत में एक नया प्रयोग है
और प्रयास भी। इसमें क्या और कैसे होगा
यह आपको शीघ्र ही आनेवाले विडियो में पता लग जाएगा।
.....
कल मिलिए विभा दीदी से
माहौल एसा है कि विभा दीदी
शीघ्र ही वेलकम होम होने वाली है
-श्वेता


9 टिप्‍पणियां:

  1. बेतरीन अंक..
    सभी रचनाएँ सोच-समझ कर लिक्खी
    हुई स्तरीय..
    आभार..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर अंक। मेरी रचना को शामिल करने हेतु हृदय से आभार प्रिय श्वेता।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही बेहतरीन लिंक्स एवम प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।मंच पर मान देने हेतु दिल से आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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