सादर
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सोमवार, 15 फ़रवरी 2021
2040 ....बाहर दुनिया पल दो पल की, एक सदी है भीतर
13 टिप्पणियां:
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अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें चिन्ता लगी रहती है
जवाब देंहटाएंGet well soon.
जवाब देंहटाएं💐
अपना ध्यान रखिए दीदी !
जवाब देंहटाएंआप जो ग़ज़ल चुनकर लाई हैं ना, वह अकेली ही पाँच नहीं, पचास रचनाओं के बराबर है।
एक नदी बाहर बहती है, एक नदी है भीतर
बाहर दुनिया पल दो पल की, एक सदी है भीतर।
मुट्ठी भर सपनों की ख़ातिर, जाने क्या-क्या झेला
बाहर हर दिन मेला लगता, पीर बसी है भीतर !
उफ्फ ! कितनी गहराई है अभिव्यक्ति में। बधाई डॉ वर्षा सिंह जी।
प्रिय मीना शर्मा जी,
हटाएंमेरी ग़ज़ल पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे रचना कर्म के लिए किसी पारितोषिक से कम नहीं है। मेरी लेखनी मुझे सार्थक लग रही है, आपकी इस अमूल्य टिप्पणी ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
हृदयतल की गहराइयों से आपके प्रति हार्दिक आभार 🙏
शुभकामनाओं सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
सही कहा मीना जी ने, गहरा मर्म समेटे हुए लाजबाव ग़ज़ल, आप शीघ्र स्वस्थ हो जायेगी, परमात्मा की कृपा आप पर बनी रहे,सादर नमस्कार दी
जवाब देंहटाएंआभार आप सभी को
जवाब देंहटाएंऋतु-संधि का असर था
अब चुस्त-दुरुस्त हूँ
सादर..
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंप्रिय यशोदा अग्रवाल जी,
जवाब देंहटाएंजितनी प्रसन्नता मुझे इस बात से हुई कि आपने मेरी ग़ज़ल को शीर्षक पंक्ति में स्थान दे कर सम्मान दिया है साथ ही एकल लिंक के रूप में मेरी ग़ज़ल का चयन किया है, उतना दुख इस सूचना से हुआ कि आप अस्वस्थ हैं। चिंतित हूं और आशा करती हूं कि अब इस समय आपके स्वास्थ्य में सुधार हुआ होगा।
कृपया अपना ख़्याल रखिए...अक्सर बदलता मौसम स्वास्थ्य पर हावी हो जाता है। समय पर दवा आदि लेती रहें... नसीहतें कुछ ज़्यादा लगें तो चूंकि आयु में निश्चय ही मैं आपसे बड़ी हूं इसलिए नसीहतों को कृपया अन्यथा न लें।
पुनः हार्दिक आभार 🙏
आपके लिए शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
सस्नेह,
डॉ. वर्षा सिंह
बहुत सुंदर प्रस्तुति...🌹🙏🌹
जवाब देंहटाएंBahut hi badiya umda saranchna.....!!
जवाब देंहटाएंTrending Viral stories:- https://theinsidekhabar.in
क्या बात है, ek ग़ज़ल से सुसज्जित अनमोल अंक। वर्षा जी की सुदक्ष लेखनी से कलकल बहते भाव कमाल हैं----
जवाब देंहटाएंएक नदी बाहर बहती है, एक नदी है भीतर
बाहर दुनिया पल दो पल की, एक सदी है भीतर
आपको और वर्षा जी को बधाई और शुभकामनाएँ। अपना ख्याल रखिये। समय के संधिकाल में भीतर की सबसे उग्र समस्या ही सामने आती हैहै। 🙏🙏
हार्दिक धन्यवाद प्रिय रेणु जी
हटाएंवसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई वर्षा जी🙏🙏
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