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गुरुवार, 30 जनवरी 2020

1658...रह जाती हैंं कुछ आवाजें फुस्स फिस्स जैसी...


सादर अभिवादन। 

आज महात्मा गाँधी जी की पुण्यतिथि है। 
बापू को हमारा शत-शत नमन। 

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चित्र साभार :गूगल

विचारोत्तेजकता का 
माहात्म्य 
संवाद की 
अस्पष्टता के दौर में,
निखिल भूमण्डल पर 
छाये हैं 
छल-दंभ-झूठ के 
गर्द-ओ-गुबार।

-रवीन्द्र सिंह यादव  

आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाएँ- 



 तू ही मान हमारा माँ

तू ही अभिमान !
हर लो तम और
जला दो ज्ञान की
ज्योति अविराम !



 My Photo
अमराइयों में कोयल कुहुके
उपवन सज गए पुष्प गुच्छ से
चंग थाप से गूंजी गलियां
रंगोत्सव आया 
मधुमास धरा पे छाया….


 
स्वर- सरिता तुझसे ही फ्लावन
      छवि तेरी मोहक - मनभावन
                भाव मधुर भर दे
                 मां तू कृपा कर दे
  

 
कुत्ते को रख लूँगी नौकर ,मूषक ढूँढ वो लाएगा

उसने मेरी बात मानी ,तो जूते खाएगा ।।
मालकिन की बात को टाले,उसकी ऐसी नहीं मज़ाल
नहीं बचेगा मेरे हाथों ,अगर करेगा टालम-टाल ।।

  

शुद्ध भाव  प्रदायिनी,हस्त पुस्तक वाहिनी

सद्बुद्धि विद्या दायिनी,लेखनी सँवार दे


वेद की तुम स्वामिनी,निर्मल मृदुभाषिणी,
हृदय में प्रीत भर, जीवन को तार दे




 
बदल

जाता है
होंठों
के बीच



दाँतों से
निकलती
हवा में



रह
जाती हैंं
कुछ
आवाजें
फुस्स फिस्स
जैसी



और
आवाजों
के अर्थ



हम-क़दम का नया विषय
यहाँ देखिए

आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

14 टिप्‍पणियां:

  1. आज वसंत पंचमी अथार्त कालजयी साहित्यकार व छायावादी कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की जयंती है ।
    हमारे मीरजापुर को इस बात का गौरव प्राप्त है कि यह नगरी निराला की कर्म-स्थली रही है । अंग्रेजों के विरुद्ध महामन्त्र फूंकने का काम निराला ने इसी विंध्यक्षेत्र से किया । निराला जी ने इस नगर के गऊघाट निवासी महादेव प्रसाद सेठ द्वारा प्रकाशित 'मतवाला' साप्ताहिक पत्र में बतौर सम्पादक कार्य करते हुए हिंदी साहित्य को समृद्ध तो किया ही, साथ अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की ज्योति भी जलाई ।
    अतः माँ शारदे को नमन करने के साथ ही साहित्य प्रेम यहाँ महाप्राण निराला जी के वैविध्यपूर्ण व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश भी डालते हैं।
    ब्लॉग जगत का सदस्य होने के पश्चात मेरा भी निरंतर यह प्रयास है कि अपनी मातृभाषा के प्रति सजग रहूँ।
    माँ सरस्वती के वरदान स्वरूप आप सभी श्रेष्ठ रचनाकार एवं चर्चाकार के रूप में यहाँ दिख रहे हैं। मेरा प्रणाम स्वीकार करें।
    अहिंसा के पुजारी को हिंसा से मारा नहीं जा सकता । आज हमारे बापू पूरे विश्व के आदर्श हैं, महात्मा हैं। हमें उनपर गर्व है। उनकी पुण्यतिथि हम भला कैसे भूल सकते हैं।

    जवाब देंहटाएं
  2. व्वाहहहह....
    बुद्धिदात्रि माँ शारदा का वन्दन..
    साधुवाद..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  3. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन । अति सुन्दर संकलन । मेरे सृजन को संकलन में साझा करने के लिए सादर आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. महात्मा गाँधी जी की पुण्यतिथि पर बापू को शत-शत नमन। सभी के लिये बसन्त पंंचमी की शुभकामनाएं। आभार रवींद्र जी आज के अंक में जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  5. अत्यंत सुंदर संयोजन


    मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार 🙏💛🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का अंक ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सभी साथियों को वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई ! माँ शारदे का वरद हस्त सभी के शीश पर बना रहे यही मंगलकामना है !

    जवाब देंहटाएं
  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं

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