चोट
किसी वस्तु से टकराने,
गिरने,फिसलने आदि से जो पहुँचने वाला
आघात,पीड़ा या निशान को कहते हैंं।
चोट के अनगिनत प्रकार हैंं शारीरिक हो या
मानसिक,छोटी अथवा बड़ी चोट सदैव
दुखद अवस्था के लिये परिभाषित की जाती है।
सकारात्मक पक्ष अगर देखा जाय
पत्थर की चोट पत्थर पर
चिंगारी से आग बन जाती है
गरम लोहे पर हथौड़ी की चोट
औजार की सूरत में ढल जाती है
माटी राँधते कुम्हार की सुगढ़ चोटे
बोलती कलाकृतियाँ बन लुभाती हैं
पत्थर पर छेनी-हथौड़ी की चोट
सदियों जीवित रह इतिहास बताती हैं
गलतियों से मिली गहरी चोट
आ पड़ी विपद तो क्या प्रताप-सा घास चबा रह पाएगा ?
है बड़ी बात आजादी का पाना ही नहीं, जुगाना भी,
बलि एक बार ही नहीं, उसे पड़ता फिर-फिर दुहराना भी।
रामधारी सिंह दिनकर
★★★★★★
आइये
विषयाधारित
आज की रचनाएँ पढ़ते हैं-
★
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
चोट
बार-बार, फिर वो बयार!
हिल उठी, जमीं, नींव ही ढ़ह चुकी,
खड़ी थी, वो वृक्ष भी गिरी,
बिखरे थे, पात-पात,
गुजरे, वो जिधर हो के...
★★★★★
कुसुम कोठरी
खाके चोट पत्थरों की
कहीं घोर शोर ऊंचे नीचे, फूहार मोती सी नशीली ,
विकल बेचैन ,मिलेगें सागर से तो क़रार आयेगा।
जिससे मिलने की लिये गुज़ारिश चले अलबेले
पास मीत के पहुंच दामन में समा जायेंगे तो क़रार आयेगा।
★★★★★★
अभिलाषा चौहान
जख़्म दिल के
साधना वैद विरासत ..
अपने सारे जीवन भर घर, परिवार, समाज, नियति इन सबसे असंख्य चोटों, गहरे ज़ख्मों और अनगिनती छालों की जो दौलत मैंने विरासत में पाई है उसे आज मैं तुम्हें हस्तांतरित करने के लिए तत्पर हूँ, तुम चाहो तो उसे ले लेना !
आशा सक्सेना
चोट ....
पीड़ा तन की फिर भी सहन की जा सकती है चोट में दर्द से निजात पाना कठिन तो होता है पर असंभव नहीं | मन में बिंधे शब्द बाण करते गहरे घाव
अनुराधा चौहान
उलझने ...
तब ये होश आया दिखावे ने कितना अकेलापन दिलाया चोट दिल पे लगाकर अपनों को किया जुदा चूर होकर घमंड से खुद को समझ बैठे खुदा
★★★★★★
अनीता सैनी
मन भीतर यही आस पले ....
धूल भरी घनी काँटों से सनी,
गहरी शाब्दिक चोट,
वेदना की टीसों के स्थान,
तन्मयता से परस्पर,
उनींदे प्रेम के निश्छल,
पुरवाई के झोंकों से भरे |
★★★★★
आदरणीय अनुराधा चौहान
तस्वीर पुरानी यादों की
जब मुख को खोलिए झड़ता जाए फूल।
बोली तो पत्थर बनकर,चोट करे भरपूर।
बोली से ही दिल टूटता, होकर चकनाचूर।
चोट सदा तूम बेचते, बोली में क्यों ढाल।
बोली सुनकर जन के, मन में रहे मलाल।
शुभा मेहता
चोट
★★★★★
उलूक के पन्नों से
आदरणीय सुशील सर
सिक्कों के अपने खेल
बमुश्किल
निकल कर
आते हैं
खुले में ‘उलूक’
सौ सुनारी
गलत बातों
पर
अपनी अच्छी
सोच
की
लुहारी
चोट
मारने
के लिये।
★★★★★
चलते-घलते
सुबोध सिन्हा
चोट
निकला करती थी टोलियां बचपन में जब कभी भी
हँसती, खेलती, अठखेलियां करती सहपाठियों की
सुनकर चपरासी की बजाई गई छुट्टियों की घंटी
हो जाया करता था मैं उदास और मायूस तब भी
देखता था जब-जब ताबड़तोड़ चोट करती हुई
टंगी घंटी पर चपरासी की मुट्ठी में कसी हथौड़ी
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कल का अंक पढ़ना न भूलें।
#श्वेता सिन्हा
श्रेष्ठ रचनाओं से सुसज्जित प्रस्तुति।सभी रचनाएँ एक-से बढ़कर एक।सभी रचनाकारों ने चोट विषय का वर्णन खूबसूरत तरीके से किया।सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं सस्नेह अभिवादन।
जवाब देंहटाएंसटीक रचनाएँ...
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकरों को शुभकामनाएँ..
उत्तरोत्तर प्रगति की कामना..
सादर..
शुभप्रभात, चोट जैसी नकारात्मक विषय पर भी सम्माननीय रचनाकारों नें विस्मयकारी रचनाएँ लिख डाली हैं । मेरी कामना है कि मना यह प्रस्फुटन बनी रहे और हमारी हिन्दी दिनानुदिन समृद्ध होती रहे। हलचल के इस मंच को नमन करते हुए समस्त रचनाकारों का साधुवाद करता हूँ ।
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात, चोट जैसी नकारात्मक विषय पर भी सम्माननीय रचनाकारों नें विस्मयकारी रचनाएँ लिख डाली हैं । मेरी कामना है कि यह प्रस्फुटन बनी रहे और हमारी हिन्दी दिनानुदिन समृद्ध होती रहे। हलचल के इस मंच को नमन करते हुए समस्त रचनाकारों का साधुवाद करता हूँ ।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर नए भाव लिए रचनाएं पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है |
आज भी एक विषय पर अलग अलग रचनाएं पढ़ कर बहुत अच्छी लगा |
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद जी |
बहुत ही सुन्दर हमक़दम की प्रस्तुति प्रिय श्वेता दी. सभी रचनाएँ बहुत ही सुन्दर है. सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई. मेरी रचना को स्थान देने हेतु तहे दिल से आभार आपका.
जवाब देंहटाएंसादर स्नेह
सटीक रचनाएँ...
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकरों को शुभकामनाएँ..
आभार श्वेता जी आज की लाजवाब प्रस्तुति में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंवाह!!श्वेता ,खूबसूरत प्रस्तुति !सभी रचनाएँ लाजवाब !मेरी रचना को स्थान देने हेतु दिल से आभार ।
जवाब देंहटाएंलुहार लोहे पर हथौड़े से चोट कर रहा है,
जवाब देंहटाएंकुम्हार माटी को रौंद रहा है !
वो दिन कब आएगा जब लोहा, लुहार पर चोट करेगा
और
माटी कुम्हार को रौंदेगी?
दोनों प्रश्न के उत्तर के लिए किसी श्मशान में किसी जलती अर्थी का राख होने तक धैर्यपूर्वक करीब से अवलोकन करने पर मिल जाएगा ...
हटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति और रचना संकलन,
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏🌷
मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार 🙏🌷सखी सादर
खूबसूरत रचनाओं का अनुपम गुलदस्ता आज का संकलन ! मेरी रचना को इसमें स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! सप्रेम वन्दे ! लोहड़ी पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंइस हमक़दम के 103वीं अंक के "चोट" विषय पर आयी बहुआयामी रचनाओं/विचारो के साथ मेरी रचना/विचार को साझा के लिए आभार आपका और इस मंच का ...
जवाब देंहटाएंचोट के विषय पर अति सुन्दर रचनायें, बहुत बढ़ियां प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी संकलन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति प्रिय श्वेता | जटिल और निर्जीव से विषय पर बहुत बढिया लिखा सब ने | सभी रचनाकारों को शुभकामनायें | सभी साहित्य प्रेमियों को लोहड़ी और मकर संक्रांति पर हार्दिक शुभकामनायें |सभी के मंगल की कामना करती हूँ |सार्थक प्रस्तुति के लिए आभार | सस्नेह |
जवाब देंहटाएंशानदार रचनाएं लाजवाब प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
शुभ प्रभात। बहुत सुंदर संकलन, अद्भुत रचनाएं। मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार श्वेता जी।
जवाब देंहटाएंtechappen खूबसूरत रचनाओं का अनुपम गुलदस्ता आज का संकलन ! मेरी रचना को इसमें स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! सप्रेम वन्दे ! लोहड़ी पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंBest Guide on Places To Visit in Yercaud - You Need To Know
जवाब देंहटाएंTravel Guide on Place To Visit Gwalior - You Need To Know
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