दुआ है कि बद् दुआ उम्रेदराज़ हो जाऊँ
जीना इतना आसांं भी नहीं क्या मज़ाक हो जाऊँ?
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'दुआ' नेक इरादों से की जाने वाली एक पाक ज़ज़्बात है। इंसानी ज़िंदगी की सलामती और जीने की सहूलियत के लिए हम सभी दुआएँ करते और देते है।
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आइये आज की कालजयी रचनाओं पर
एक नज़र डालते हैं-
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इक़बाल
बच्चों की दुआ
गुलशन बावरा
मेरी दुआ है
मेरी दुआ है फूलों-सी तू खिले
जैसी तू है तुझे वैसा ही एक हसीन जीवन साथी मिले
हर नई सुबह लाए तेरे लिए किरणें तेरी ख़ुशी की
तू रहे जहाँ वहाँ रहे सदा मीठी गूँज हँसी की
हो न तकदीर से तुझे शिकवे-गिले
मेरी दुआ है फूलों-सी तू खिले
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शैलेन्द्र
दुआ कर
दुआ कर ग़म-ए-दिल, ख़ुदा से दुआ कर
वफ़ाओं का मजबूर दामन बिछा कर
दुआ कर ग़म-ए-दिल, ख़ुदा से दुआ कर
जो बिजली चमकती है उनके महल पर
वो कर ले तसल्ली, मेरा घर जला कर
दुआ कर ग़म-ए-दिल...
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आइये अब नियमित रचनाएँ पढ़ते हैं-
आप सभी के बहुमूल्य सहयोग के लिए
हृदय से आभार।
आपसभी की बेशकीमती रचनाएँ
हमक़दम की शोभा बढ़ाती रहे यही
दुआ करती हूँ।
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तूने चाँद तारे चुरा लिये
हमें हैं अंधेरों से निस्बतें
कि ग़मों को अपने छिपा सकें !
तेरे लब पे खुशियाँ खिली रहें
या खुदा दुआ ये क़ुबूल कर
जो मोती गिरें मेरी आँख से
तेरी राह में वो बिछा सकें !
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दुआ बद्दुआ
सभी बद्दुआएं नहीं होती
अपनी सी हो जाती हैं
हर पग पर राह दिखाती हैं
जीवन सफल बनाती हैं
भीगी हुई चांदनी का शजर है ज़िंदगी ।।
मिलने को तो मिलती रहे दुआ-ए-हयात रौशन ,
उसका करम है उसको नज़र है ज़िंदगी ।।
दुआ मिलती नहीं ऐसे,
कभी जोर -धमकी से।
दिलों की बात है ये,
दिलों तक पहुंच जाएगी।
दिलों में झांक कर देखो,
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आदरणीय मीना शर्मा
जिंदगी हर पल कुछ नया सिखा गई.
काँटे भी कम नहीं थे गुलाबों की राह में,
खुशबू की तरह हमको बिखरना सिखा गई ।
अच्छाइयों की आज भी कीमत है जहाँ में,
दामन को दुआओं से ये भरना सिखा गई ।।
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हमक़दम का अगला विषय
जानने के लिए
कल का अंक पढ़ना न भूलें।
#श्वेता सिन्हा
सबने सटीक लिक्खा है..
जवाब देंहटाएंहर विषय पर लिखने वाले कवि-कवियित्रियों
को सादर नमन...
सादर...
बेहद खूबसूरत अंक।सभी रचनाएँ बेजोड़।सभी रचनाकारों को वधाई।मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यबाद
जवाब देंहटाएंवाहः
जवाब देंहटाएंसंग्रहनीय प्रस्तुतीकरण
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन आज का भी सदा की तरह |एक विषय पर अपना अपना सोच पढ़ना बहुत अच्छा लगता है |शानदार प्रयास ऐसे संकलन का |
वाह!शानदार प्रस्तुति ! मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से आभार ।
जवाब देंहटाएंरोज समय निकालकर प्रत्येक रचनाकार की रचना पढूं मुझे इतना समय नहीं मिल पाता।
जवाब देंहटाएंहाँ...लेकिन आपके इस प्रस्तुति के माध्यम से सप्ताह में एक दिन बढ़िया समय निकालकर सभी रचनाकारों की रचनाओं को पढ़ने की कोशिश करता हूँ।
आप बहुत सुन्दर कार्य कर रहीं है...और आज की प्रस्तुति भी बहुत ही बढ़िया है।
खूबसूरत दुआओं से लबालब आज की लाजवाब प्रस्तुति में जगह देने के लिये आभार श्वेता जी।
जवाब देंहटाएंसादर नमन आपको श्वेता जी और आभार आपका मेरी रचना को हमक़दम के अंक में साझा करने के लिए ...
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार श्वेता जी आपका ! अपनी रचना अनपेक्षित रूप से इसमें देख कर बहुत हर्षित हूँ ! सभी रचनाएं बहुत सुन्दर ! आपका पुन: हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर संकलन प्रिय श्वेता दी. मेरी रचना को स्थान देने के लिये तहे दिल से आभार
जवाब देंहटाएंसादर
वाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन
सभी रचनाकारों को बधाई
बहुत शानदार प्रस्तुति सुंदर भुमिका हर दिल अजीज रचनाकारों की सुंदर रचनाओं के साथ सभी पांच लिंक के रचनाकारों की सुंदर रचनाएं सभी को शुभकामनाएं और दुआ है सदा मां शारदे की आषीश सभी पर बरसती रहे।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
प्रिय श्वेता, हमकदम में मेरी रचना को शामिल करने हेतु मैं आप सबका हृदय से धन्यवाद करती हूँ। एक विषय पर सभी रचनाकारों की विविधतापूर्ण सोच को,कलात्मक प्रस्तुतियों को पढ़ना अच्छा लगता है। सुंदर अंक और प्रस्तुति के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति लाजवाब लिंक्स...
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