स्नेहिल नमस्कार
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मानव शरीर का अस्तित्व मिट जाता है
और
आत्मा और कर्म सदैव
स्मृतियों में अमर हो जाते है
सूचना मिली है कि अयन प्रकाशन, नयी दिल्ली के मुखिया भूपी सूद नहीं रहे।
हंसमुख, मिलनसार और निहायत शरीफ़ इन्सान भूपी जी ने आज सुबह सीने में दर्द की शिकायत की और कुछ ही वक़्फ़े में उनकी आत्मा शरीर छोड़ गयी।
आदरणीय प्रभा जी को इन दुख के पलों में सांत्वना। भूपी जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना।
★
इस वर्ष प्राकृतिक आपदा के रुप में बाढ़ के प्रलय से
लगभग समूचा देश बेहाल है
और जहाँ बाढ़ नहीं है वहाँ सूखे सी स्थिति हो रही।
कश्मीर का हाल, पाकिस्तान और चीन की बौखलाहट,
राजनीतिक नाटकों और हलचलोंं का समाधान
तो समयानुसार हो जायेगा
पर इन सबसे पृथक है-
देश में पाँव फैलाती आर्थिक मंदी जैसी
गंभीर समस्या,
जिसके समाधान के लिए
सर्वप्रथम ध्यान देने की आवश्यकता है।
★
आइये पढ़ते है आज की रचनाएँ
★★★
सबसे पहले पढ़िये संवेदनशील बेहद उत्कृष्ट मनोभाव और समाज की रुढ़ियों पर
कुठराघात करती सधे हुये शब्दों से गूँथी गयी कहानी
ये तुम्हारा कंकाल भी तो मेडिकल की पढ़ाई के काम आ जाएगा। और सोचो ना .. जरा ...
कितना रोमांचक और रूमानी होगा वह पल जब युवा-युवती लड़के-लड़कियाँ
यानि भावी डॉक्टर- डॉक्टरनी का नर्म स्पर्श मिलेगा इन हड्डियों को।
है ना नुप्पू !? तुम्हे जलन होगी ना ? वही सौतन-डाह !? "
★★★★★★
मानवीय संबंधों की शब्दों की शिल्पकारी
से सुंदरता से अभिव्यक्ति
बड़ी भूख है ज़िंदगी में
पापा, दिन, महीने
बीते बरस के
हर लम्हे ने मुझे आपके साथ
नहीं होने पर भी
हमेशा आपके साथ रखा
हर बार असंभव को
संभव किया
और कहा है मैंने
मुस्कराते हुए
जिसके सर पर अपनों का
हाथ होता है वो
इस बहते खारे पानी को
★★★★★★
अध्यात्म और मन के गहन चिंतन
से उत्पन्न सुंदर सृजन
उसने कहा था
अपने ही विरुद्ध किया जाता है यूँ तो हर पाप
यह पाप भी खुद को ही हानि पहुंचाता है
इसका दंड भी निर्धारित करना है स्वयं ही
'असजगता' के इस पाप को नाम दें 'प्रमाद' का
अथवा तो स्वप्नलोक में विचरने का
जहाँ जरूरत थी... जिस घड़ी जरूरत थी...
वहाँ से नदारद हो जाने का
★★★★★
प्रकृति और प्रेम का सुंदर संगीत
इश्क़ में इतने पागल हो तुम,
दिन में चाँद को बुला रहे हो ।
तूफानों से तो डर लगता था,
दरिया में नाव चला रहे हो।
★★★★★★★
अपने अंदाज़ में लिखी गयी
व्यवस्था पर प्रश्न उठाती
सुंदर अभिव्यक्ति
चाँद सूरज की मिट्टी की कहानी नहीं
कौन सा
पढ़ लेने
वालों को
भी
समझ में
सारा
सब कुछ
इतनी जल्दी
ही
आ जायेगा
★★★★★★
और चलते-चलते बेहद सराहनीय
अपनत्व के भावों से भरी
एक पुस्तक की मनमोहक समीक्षा
”प्रिज्म से निकले रंग ”
मुझे भी इसे पढ़ने का अवसर मिला तो पाठक के रूप में मुझे इन्हें पढ़कर बहुत अच्छा लगा
और आदरणीय रवीन्द्र जी के लेखन पर बहुत गर्व भी हुआ | जैसा कि नाम से ही पता चल जाता है,
संग्रह में भावों और कल्पनाओं के इन्द्रधनुषी रंगो को विस्तार मिला है | अलग-अलग विषयों पर
रचनाएँ अपनी कहानी आप कहती हैं | इन रचनाओं में समाज, नारी, प्रेम, राष्ट्र, प्रकृति, इतिहास और
जीवन में अहम् भूमिका अदा करने वाले करुण-पात्रों को बहुत ही सार्थकता से प्रस्तुत किया गया है।
एक पाठिका के रूप में इस संग्रह को पढ़ने का अनुभव
मैं दूसरे साहित्य प्रेमियों के साथ बांटना चाहती हूँ |
★★★★★★
आज का अंक आपको कैसा लगा?
आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रियाओं की
सदैव प्रतीक्षा रहती है।
हमक़दम का विषय है-
कल का अंक पढ़ना न भूलें
कल आ रही हैं विभा दी
अपनी विशेष प्रस्तुति के साथ।
अपूरणीय क्षति..
जवाब देंहटाएंहम सब स्तब्ध हैं
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि..
सादर..
आदरणीय भूपी सूद जी विनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंसराहनीय संकलन
आभार श्वेता जी आज की लाजवाब प्रस्तुति में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंभूपी सूद जी को नमन और श्रद्धाँजलि।
जवाब देंहटाएंआदरणीय भूपी सूदजी को हार्दिक श्रद्धाजंली 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼। खूबसूरत प्रस्तुति श्वेता ।
जवाब देंहटाएंऊँ शांति..
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्रस्तुति..
paanchon link bahut hi acche lage. sanjha karne ke liye dhanyavaad!
जवाब देंहटाएंआदरणीय भूपी सूद जी को हार्दिक श्रद्धांजलि...
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन
आदरणीय रविन्द्र जी को "प्रिज्म से निकले रंग" पुस्तक प्रकाशन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
सखी रेणु जी की पुस्तक समीक्षा बहुत ही लाजवाब
उनके लिंक पर मेरी प्रतिक्रिया प्रकाशित नहींं हो पा रही है....
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
भूपी सूदजी को हार्दिक श्रद्धाजंली!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
अंत्येष्टि स्थल पर बड़ा ग़मगीन माहौल था। अनेक साहित्यकार एवं आदरणीय भूपी साहब के चाहने वालों की बड़ी संख्या थी। नातिन का लगातार रोते रहना भावविह्वल करनेवाला था। सूद साहब को हमारी भावभीनी श्रद्धाँजलि!
जवाब देंहटाएंआज की सुन्दर प्रस्तुति में मेरी पुस्तक / रेणु जी की पुस्तक समीक्षा शामिल करने के लिये आभार श्वेता जी।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंभूपी सूद जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंआदरणीय भूपी सूद जी को सादर नमन 🙏🏼🙏🏼
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स एवम प्रस्तुति
सशक्त भूमिका और लाजवाब। लिंक्स चयन । आदरणीय भूपी सूद जी को नमन व श्रद्धांजलि ।
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जवाब देंहटाएंvery nice inspirational messages
"very nice inspiration quotes about beauty-motivation456
जवाब देंहटाएं"