सादर अभिवादन
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सखी अनुपस्थित है
सो आज हम हैं
नपी-तुली रचनाएँ लेकर
"तस्वीर" ज़िंदगी की कभी एक सी नहीं रहती
बहुत कुछ कहकर भी वो सबकुछ नहीं कहती
थामकर वक़्त मुट्ठी में चुपचाप देखती है तमाशा
समुंदर समेटकर भी वो संग लहरों के नहीं बहती
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सर्व प्रथम कालजयी रचनाएँ..
दीदी सुनीता शानू
सचमुच तुमसे मिलकर जिन्दगी
एक कविता बन गई है
और मै एक कलम
जो हर वक्त
तुम्हारे प्यार की स्याही से
बनाती है तस्वीर तुम्हारी...।
आदरणीय सूरज जी
मैने उतारी है
चुम्बनों में शामिल आवाज़ की तस्वीर
पानी और हवा में हस्ताक्षर की तस्वीर
मैगी और दोस्ती के स्वाद की तस्वीर
शाम के धूसर एकांत की तस्वीर
भागते पेड़ और रूके समय की तस्वीर
आदरणीय कमलेश द्विवेदी
कोई भी तस्वीर जो देखूँ
खो जाऊँ मैं यादों में,
कितनी-कितनी यादें होती हैं
इक-इक तस्वीर के पास.
दौलत, दौलत होती है पर
दौलत सब कुछ होती तो,
कोई दौलतवाला फिर क्यों
जाता पीर-फ़कीर पास.
नियमित रचनाएँ....
★★★★★
आदरणीय सुबोध सिन्हा जी
इंसान वाली तस्वीर
मत जकड़वाना तस्वीर मेरी किसी भी
चौखटे में कभी चाहे हो वो चौखटा
कितना भी क़ीमती ... क्योंकि बंधन तो
नकारता ही रहा हूँ जन्म भर मैं ... है ना !?
चाहे हो समाज की कुरीतियों का या
फिर अंधपरम्पराओं का बेतुका-सा बंधन
ताबीज़ के बंधन हो या फिर हो चाहे
कोई मौली धागा के आस्था का बंधन
या फिर मुखौटों वाले रिश्तों के बंधन ...
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दीदी साधना वैद
सारे मनोरम रंगों को
यूँ ही उलीच दिया है या
अपनी विलक्षण तूलिका से
तूने आसमान के कैनवस पर
यह अनुपम नयनाभिराम
चित्र बड़ी दक्षता के साथ
धीरे-धीरे उकेरा है !
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सखी अभिलाषा जी चौहान
बस तस्वीर में रह गए तुम,
रह गई यादें..
जो उमड़ती है,
देख तस्वीर तुम्हारी,
या यादों के आते ही,
देख लेती हूं तस्वीर तुम्हारी !!
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हृदय से करती है साझा समझौता,
एक नज़्म थमा देती है उसे,
एक नज़्म फिर लपेटती है ,
वक़्त के उसी थान में वक़्त के लिये,
एक छिपाती है तुम्हारी तस्वीर के पीछे,
अपनी ही परछाई में समेट तुम्हारे लिये,
मोती-सी अनमोल,मन-सी मासूम ,
बेबाकपन में डूबी एक ख़ूबसूरत-सी नज़्म |
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सखी सुजाता प्रिय
माँ तेरी तस्वीर जोड़ देंगे हम,
बलिदान के सूतों से।
जिसे काटकर अलग ले गए,
तेरे सिर-फिरे कपूतों ने
माँ सिमटे-केश तेरे,
एक दिन लहराएँगे।
तेरे हाथ का तिरंगा,।
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सखी अनुराधा जी चौहान
बूँद-सा था तेरा प्यार
सैलाब न बन सका
वक़्त की धूप लगी
बूँद-सा ही मिट गया
दिल में बसी तस्वीर तेरी
अब चुभती हैं फाँस-सी
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सखी शुभा मेहता
एक दिन तुम भी
टँग जाओगे
तस्वीर में
घर के किसी
कोने में
किसी खूँटी पर ..
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मौसी आशा सक्सेना
सोने की चिड़िया की तस्वीर
जाने कब से मन में पनप रही थी
बचपन ने आँखें खोली थीं
परतंत्र देश में
तभी से यह था अरमान
कोई बलिदान व्यर्थ ना जाएं
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एक रचना पढिये हमारी पसंद की
सखी श्वेता सिन्हा
आसान नहीं होता प्रेम निभा पाना
प्रेम में डूबे मन का प्रेम से डिगा पाना
इच्छित ख़्वाबों की ताबीर हो न हो
रंग तस्वीरों का अलहदा होता है
आसान होता है करना मृत्यु की इच्छा
और मृत्यु की आस में जीने की उपेक्षा
अप्राप्य इच्छाओं की तृष्णा से विरक्त
जीवन वितृष्णाओं से भुरभुरा होता है
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कल आ रहे हैं भाई रवीन्द्र सिंह जी..
नए विषय के साथ
सादर
बेहतरीन रचना...
जवाब देंहटाएंसचमुच तुमसे मिलकर जिन्दगी
एक कविता बन गई है
और मै एक कलम
जो हर वक्त
तुम्हारे प्यार की स्याही से
बनाती है तस्वीर तुम्हारी...।
आभार....
सादर..।
सुप्रभात ।बेहतरीन रचनाओं का संगम।मेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर धन्यबाद।सराहनीय प्रयास ।बेहद खूबसूरत।
जवाब देंहटाएंतस्वीर के तहत रूमानी से लेकर यथार्थ का जामा पहनी सारी रचनाओं के संकलन के बीच मेरी रचना सम्मिलित कर उसका मान बढ़ाने के लिए आभार आपका ...नमन यशोदा जी !
जवाब देंहटाएं"थामकर वक़्त मुट्ठी में चुपचाप देखती है तमाशा
समुंदर समेटकर भी वो संग लहरों के नहीं बहती"
बहुत ही सारगर्भित भूमिका के साथ आगाज़ और सखी की अनुपस्थिति का ज़िक्र... सखी की अनुपस्थिति में सखी की संवेदनशील रचना से अंत का तालमेल ...अनपस्थिति खली मगर ..संकलन अच्छा है।
बहुत बेहतरीन तस्वीर उभरी आज!
जवाब देंहटाएंवाह सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं का संगम से सजी अभूतपूर्व प्रसंसनीय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार दी जी
सादर
वाह!!!बेहतरीन प्रस्तुति !सभी खूबसूरत तस्वीरों के बीच मेरी तस्वीर को स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार श्वेता जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं एक से बढ़ कर एक ! आज के विशेषांक में मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन....
जवाब देंहटाएंतस्वीरों का इतना सुंदर रूप
जवाब देंहटाएंसभी रचनायें उत्कृष्ट
एक से बढ़ कर एक रचनाएं |सुन्दर संकलन |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंलाजवाब भुमिका शानदार लिंक चयन बहुत सुंदर प्रस्तुति।
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