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बुधवार, 21 अगस्त 2019

1496..कल और आएंगे नगमों की खिलती कलियाँ चुनने वाले..


।।प्रातः वंदन।।
"कौन विजयी है जगत में कौन हारा है
उषा आती है, प्रभा गाती है
कहाँ यह संध्या लिए जाती है
उषा संध्या दो लहर है एक धारा"
त्रिलोचन
प्रकृति द्वारा विचारपूर्ण तथ्यों को समेटती पंक्तियों के साथ 
आइए अब नज़र डालें आज की लिंकों पर..✍
❄️❄️



हरेक शख़्स को देना जवाब था शायद

पुराने खेल का कोई हिसाब था शायद।




भँवर तमाम क्यों मंडरा रहे उसी गुल पर

चमन में एक वो ही बस गुलाब था शायद

❄️❄️




प्रलयंकारी न बन

हे जीवन दायिनी,

विनाशिनी न बन

हे सिरजनहारिनी,

कुछ तो दया दिखा

हे जगत पालिनी

❄️❄️


जैसे सभी के पास होता है, ट्रेन में चढ़ने समय पाण्डे जी के पास भी एक जोड़ी चप्पल था। 
चढ़े तो अपनी बर्थ पर किसी को सोया देख, प्रेम से पूछे.…भाई साहब! क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ?..

❄️❄️


यूँ ही कल झाड़ पोंछ में ज़हन की

वक़्त की दराज़ से निकल आये 

कुछ ख़्याल पुराने 

जो कहने थे उनसे 

जो मौजूद नही थे 

सुनने के लिए....



कुछ ख़त 

जो लिखे गए थे..


❄️❄️




मंद सांसों में, बातें चंद कह दे!

तू आज, मुझसे कोई छंद ही कह दे!



चुप हो तुम, तो चुप है जहां!

फैली हुई है खामोशियाँ!

पसरती क्यूँ रहे?

इक गूंज बनकर, क्यूँ न ढले?

चहक कर, कह इसे हम क्यूँ न दें?

चल पिरो दें गीत में इनको..


❄️❄️
हम-क़दम का नया विषय
यहाँ देखिए
❄️❄️




"कल और आएंगे नगमों की खिलती कलियाँ चुनने वाले

मूझसे बेहतर कहने वाले तुमसे बेहतर सुनने वाले"

मो.जहूर ख्य्याम (1927-2019)

श्रद्धांजलि





।।इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह'तृप्ति..✍

13 टिप्‍पणियां:

  1. कल और आएंगे नगमों की खिलती कलियाँ चुनने वाले
    मूझसे बेहतर कहने वाले तुमसे बेहतर सुनने वाले"
    आज की प्रस्तुति में चार चाँद लगाती यह गीत मन को भा गई । शुभप्रभात व शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर सूत्र संयोजन। बढ़िया प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात
    बेहतरीन प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर संकलन...बेहतरीन प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर पंक्तियां भुमिका में ।
    सरस संकलित लिंक , शानदार प्रस्तुति।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
    अमर संगीत कार ख्य्याम जी को विनम्र श्रद्धांजलि।

    जवाब देंहटाएं
  6. जो दिल का बादशाह और सुरों का धाम होगा
    इस दुनिया में कहाँ कोई दूसरा खय्याम होगा !!!
    दिवंगत संगीतकार को कोटि न। बहुत सार्थक प्रस्तुति प्रिय pammii जी। सभी रचनाकारों को शुभकामनायें ।

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं

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