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बुधवार, 14 अगस्त 2019

1489..वंदन मेरे देश,तेरा वंदन मेरे देश..

।।उषा स्वस्ति।।

वंदन मेरे देश,तेरा वंदन मेरे देश! 
पूजन,अर्चन,आराधन,अभिनन्दन मेरे देश! 
पर्वत, सागर,नदियाँ ऐसा दृश्य कहाँ?
स्वर्ग अगर है कहीं धरा पर तो है सिर्फ यहाँ, 
तू ही दुनियाँ की धरती का वंदन मेरे देश! 
वंदन मेरे देश,तेरा वंदन मेरे देश!
..चंद्रसेन विराट जी
के शब्दावली के साथ
आज की लिंकों में शामिल रचनाओं पर नज़र डालें..✍
🇮🇳🇮🇳




सबकी अपनी अपनी ढपली,
अपना अपना राग।
किसी को सुहाता है सावन,
किसी को भाता फाग।
जब सब गाते कजरी-टप्पे,
वे गीत ओज के गाते हैं।
सीमा पर रहते मुस्तैद..

🇮🇳🇮🇳




फिर नदी की बात सुन कर
चहचहाने लग गई है
यह हरी घाटी हवा से बात कर के
लहलहाने लग गई है
झर रहे 
झरने हँसी के
उड़ रहे तूफ़ान में स्वर..

🇮🇳🇮🇳





कुछ तो बात होगी
कि अपनी बेचैनियों का हल
हम कविताओं में जीते हैं
घूँट-घूँट
आँसू
आँखों से रीते हैं!..

🇮🇳🇮🇳





प्रेम एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
प्रेम होना ठीक वैसा ही है जैसे पेड़ों में स्वयं पत्ते लगना, कलियों का स्वयं फूलों में परिवर्तित होना और फलों का स्वयं ही पक कर मीठा हो जाना।


क्योंकि प्रेम एक प्राकृतिक प्रक्रिया है इसलिए प्रेमी प्रेम में पड़कर स्वयं ही प्रकृति की तरफ़ आकर्षित हो जाते हैं। उन्हें अच्छा लगता है प्रकृति का हर वो क्रिया कलाप जिसमें मिलन का सुख समाया हो। फ़िर चाहे वो आसमान से कूदकर आती बारिश का जमीन से मिलना हो..

🇮🇳🇮🇳

शेख़ी बघारता दिनभर
किसी जेठ-सा सूरज
हो जाएगा जब ओट में
शाम के मटमैले चादर के



आएगी तब नववधू-सी रात
जुगनूओं के टाँके लगे
काले परिधानों में हौले-हौले..


🇮🇳🇮🇳

वारों, त्योहारों के
 शुभकामनाओं के संग आज यहीं तक..
🇮🇳🇮🇳
हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए
🇮🇳🇮🇳

।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह'तृप्ति'..✍

10 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन प्रस्तुति...
    भारतीय स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएँ
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. "पांच लिंकों का आंनद" के इस अंक के गुलदस्ते में मेरी रचना को भी सजा कर मान देने के लिए हार्दिक शुक्रिया पम्मी जी !...
    देशभक्ति से ओतप्रोत रचना के साथ ही प्रकृत्ति और प्रेम से पगी रचनाओं के संकलन केलिए साधुवाद !

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन प्रस्तुति....मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर सराहनीय प्रस्तुति पम्मी जी
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. भुमिका में शानदार विचारों वाली चंद्रसेन विराट जी की उत्कृष्ट पक्तियां।
    बहुत सुंदर हलचल प्रस्तुति पम्मी जी।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. उम्दा लिंकों से सजी शानदार प्रस्तुति...।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर रचनाएँ हैं पम्मी जी..बढ़िया भूमिका सुंदर संकलन।

    जवाब देंहटाएं

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