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बुधवार, 7 अगस्त 2019

1482.. ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं..


।।भोर वंदन।।
ये आज है...

कल थक कर बिखर गया है

जैसे थक जाती है रात
और कई आकाश गंगाएं ओढ़ कर सो जाती है।
एक तकिया चाँद का सिरहाने रख
सपनों पर रखती है सिर..
और सुबह की रूई गरमाकर
बिनौलों संग उड़ जाती है दूर दिशाओं के देश में...
अपर्णा भटनागर
हाँ.. ये आज है..कल गुज़र गई, नई बातें हुई तो कुछ नए फैसले हुए और एक तकिया चाँद के सिरहाने रख सुखद हकीकत के साथ नज़र डालें आज की लिंकों पर..✍
❄️❄️






मैं चुनती रही रश्मियां बिना आहट रात भर ,

करीने से सजाती रही एक पर एक धर ,

संजोया उन्हें कितने प्यार से हाथों में,
रख दूंगी धर के कांच के मर्तबान  में ...
❄️❄️







मोदी के आने से अच्छे दिन आने वाले है नहीं बल्कि अच्छे दिन आ चुके है। चोरों के खिलाफ देश के चौकीदार बने मोदी ने इमरान की सत्ता को हिलाकर रख दिया है। वायु में अभिनंदन का झंडा गाड़कर अब भारत-पाक को शाह रूपी थल बम 💣 से हिलाकर रख दिया है। पाकिस्तान में त्राहिमाम करने के लिए जल बम 💣 भी मोदी के पास ही है...



❄️❄️



तेरे ख़ामोश होठों पर

मेरा ही नाम होता था
ये तब की बात है जबकि
कोई तुझको सताता था।



बहुत  परवाह करते थे हम

इक़ दूजै की पर लेकिन

मुसीबत के दिनों में 
यार  तेरा ख्याल आता है।

तेरे खामोश होठों पर....

❄️❄️




किरदार अपना तलाश रहा हूँ
जमाने की ठोकरों में बचपन अपना तलाश रहा हूँ
धधक रही ज्वाला जो इस दिल में
पूर्णाहुति में उसकी यादें अपनी तलाश रहा हूँ
बरगद की छावं में कागज़ की नाव में...

❄️❄️


ब्लॉग स्वयं शून्य की प्रस्तुति के साथ मैं थमती हूँ.. 
आनंद ले कृष्ण बिहारी 'नूर' ..शानदार ग़ज़ल ..


ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं, 
और क्या जुर्म है पता ही नहीं।

इतने हिस्सों में बट गया हूँ मैं, 
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं| 

ज़िन्दगी! मौत तेरी मंज़िल है 
दूसरा कोई रास्ता ही नहीं।

सच घटे या बड़े तो सच न रहे, 
झूठ की कोई इन्तहा ही नहीं

❄️❄️
हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए
❄️❄️

।।इति शम।।

धन्यवाद

20 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन प्रस्तुति..
    सभी विधाओं का मेल..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. आपके माध्यम से कुछ नये bloggers से मिल पाया आज जो बेहद लाजवाब हैं.. आभार.

    कोई समझाये कि ये अप्रूवल हटता कैसे है ?????

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. किस एप्रूवल की बात हो रही है?

      हटाएं
    2. आदरणीय भैय्या जी
      सादर नमन
      एप्रूव्हल
      कंमेंट माडरेशन को हटाने की एक प्रतिक्रिया कल आदरणीय गगन शर्मा ले एक आलेख की इच्छा जाहिर की थी इसी विषय में और साथ हा कमेन्ट माडरेशन हटाने का तरीका भी पूछा था
      सो वही बात अबा रोहिताश जी ने की है
      सादर
      अनुजा
      यशोदा

      हटाएं
    3. गगन शर्मा जी ने रोहिताश जी के ब्लॉग पर टिप्पणी भी की है ऐसा प्रतीत हो रहा है रोहिताश जी के टिप्पणी बाक्स में ऐप्रूवल की जरूरत है पर मैंने टिप्पणी की कोई बाधा नहीं आयी। समझ में नहीं आ रहा है गगन जी क्या चाह रहे हैं?

      हटाएं
  4. बहुत सुंदर संकलन सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति पम्मी जी,
    शानदार लिंको के साथ मेरी रचना को लाने के लिए हृदय तल से आभार।
    सभी लिंक सुंदर पठनीय।
    सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुदर भूमिका के साथ सराहनीय रचनाओं से सजा संकलन पम्मी जी शानदार प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रिय पम्मी जी , अत्यंत सुहावना अंक जिसकी चयनित रचनाएँ बहुत सुकून भरी हैं | आपकी प्रस्तुति अपनी पहचान आप है | सभी रचनाकारों को शुभकामनायें और आपको आभार सार्थक और भावों से भरे अंक के लिए | भाई रोहितास जी को कोटि आभार जिन्होंने कहे का मान रखते हुए अपने ब्लॉग पर ऐप्रूवल का ताला खोल दिया |सस्नेह --

    जवाब देंहटाएं
  9. लाजवाब प्रस्तुतिकरण बेहतरीन लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  10. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  11. समसायिक पोस्टों का सुंदर संकलन।

    Please check my Apple Profile

    जवाब देंहटाएं

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