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बुधवार, 28 अगस्त 2019

1503..सिंदूरी सवेरा बादलों की ..


।।भोर वंदन।।
पौ फटी..
"चुपचाप काले स्याह भँवराले अंधेरे की घनी चादर हटी..
मगरूर आँखों में गई भर जोत
जब फूटा सुनहला सोत..
सिंदूरी सवेरा बादलों की सैकड़ों सलेटी तहो को चीरकर
इस भांति उग आया कि जैसे स्नेह से भर जाय मन की हर सतह.."
जगदीश गुप्त

जी, हाँ स्नेह से भर जाती है मन की हर
 सतह और पिरोती है
 अल्फ़ाज़ जिसे समेटने की कोशिश शामिल लिंकों में..✍
📚📚




मैं
अकसर
सबके बीच मौजूद होकर भी
खुद अपने भीतर 
अपनी ही ग़ैरमौजूदगी की गवाह होती हूँ!



पीड़ा देता है 
खुद में खुद का न होना
खुद से खुद का छला जाना..

📚📚


                              बात इस सरकार से पहले के सरकार के जमाने कि हैं | देश की राजधानी में कुछ बड़े पुलिस  अधिकारियों की एक आतंकवाद के खिलाफ खास एसआईटी बनाई गई थी | यह एसआईटी देश और दिल्ली में हुए कई बड़े आतंकवादी..
📚📚





सींच रैयत जब धरा रक्त से
बीज नील का बोता था।
तिनकठिया के ताल तिकड़म में
तार-तार तन धोता था।



आब-आबरू और इज़्ज़त की,
पाई-पाई चूक जाती थी।
ज़िल्लत भी ज़ालिम के ज़ुल्मों..
📚📚





हर ईंट जतन से संजोयी
कण कण सीमेंट का घोला
अट्टालिकाएं खड़ी कर भी
स्व जीवन में ढेला



यह कैसा मर्म कर्मो का
जीवन संदीप्त पा नहीं सकता
नीली छतरी के नीचे कभी
छत खुद की डाल नहीं सकता



मुठ्ठी भर मजदूरी से
उदर आग बुझ जाती
चूं चूं करते चूजों देख..



अब भी याद आती है
वह।
जब रोते-रोते हिचकी बंध जाती
वह पास आकर पुचकारती
कभी बाँहों में भरकर
ढाढस बँधाती, सहलाती।



अब भी याद आती है
वह।
घर से दूर रहने पर
उसका ही साथ संबल देता..
📚📚
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍


15 टिप्‍पणियां:

  1. पीड़ा देता है
    खुद में खुद का न होना
    खुद से खुद का छला जाना..

    सुंदर प्रस्तुत , प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं

  2. जी, हाँ स्नेह से भर जाती है मन की हर
    सतह और पिरोती है
    अल्फ़ाज़ जिसे समेटने की कोशिश शामिल लिंकों में..

    वाहः बहुत सुंदर
    सराहनीय संकलन

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति,सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. शानदार प्रस्तुति पम्मी जी भुमिका सुंदर बनी है सभी लिंक लाजवाब।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर अंक प्रिय सखी पम्मी जी | सभी लिंक सराहनीय | छोटा पर सार्थक अंक , सभी रचनाएँ भावपूर्ण | सभी रचनाकारों और आपको हार्दिक बधाई | सस्नेह --

    जवाब देंहटाएं
  6. सभी ब्लॉगर से मेरा विनम्र आग्रह है टिप्पणी करने वालों को आभार जरुर दें | आखिर किसी ने आपके लिए अपना अनमोल समय दिया है |

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर भूमिका के साथ सुंदर प्रस्तुति। अत्यंत आभार!

    जवाब देंहटाएं

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