जय मां हाटेशवरी.....
मन हर्षित है......
क्योंकि आज हमारे इस ब्लॉग के.....
1500 अंक हो चुके हैं......
सदस्यों की संख्या भी बढ़ती जा रही है......
भविष्य में भी......
आप सब पाठकों का इसी तरह सहयोग व स्नेह मिलेगा......
कल जन्मष्टमी थी.....
श्रीकृष्ण जी के जीवनदर्शन की......
आज के समाज को बहुत आवश्यक्ता है......
अब पेश है.....
आज के लिये मेरी पसंद.....
नँद नन्दन कित गये
भ्रमित भई सुनि भँवरे की गुंजन,
ढूंढे सघन करील की कुंजन।
रे मनमोहन तेरे दर्शन बिन,
लिप्सा के शूल मुझे नहीं चुभते -
मुठ्ठी भर मजदूरी से
उदर आग बुझ जाती
चूं चूं करते चूजों देख
तपिस विपन्नता की बड़ जाती
चिकना पथ बनाते बनाते
खुरदरी देह दुखने लगी है
पथ के कंकर नगें पावों को
फूल जैसे लगने लगी है
हृदयी फूल पलाश का !
देखते ही देखते वो राख
शिराओं में पसरने लगी ,और
दहकती नारंगी घुमावदार
चपल पंखुड़ियाँ मानो
मरे सांप सी निस्तेजित हो गयीं
प्राणरहित, रागरहित, बदरंग !
आखिर कब सह पाया है
स्नेही जीवंत किंशुक
तुषार निठुर विराग का
खिल खिल के बस युहीं
क्षय होता गया
यक्ष प्रश्न
मुरलीधर द्वापर में बड़े-बड़े लीला करने वाले।
कमलनाथ हर क्षण कृष्णा का साथ देने वाले।
सास-ननद का रूप बदल जाओ या सम्बोधन,
निर्गुण तुम्हें ढूंढ रहे अज्ञानी सर्वेश्वर बनने वाले।
देखो ! चरित्र-हत्या मत करो
देखो ! अहिल्या का सतीत्व समय के बहाव में और निखरता गया |
लाँछन न समझो जीवन में मिली अवेहलना को,
देखो !अवगुणों के थे वे सूखे पत्ते समय के साथ झड़ते गये,
बुद्ध ने त्यागा वैभव जली यशोधरा जीवनपर्यंत ,
देखो ! त्याग की बने दोनों मिशाल हमें धैर्य का पाठ पढ़ाते गये |
कृष्ण का प्रेम
घर परिवार,नाते-रिश्तेदारों
अड़ोसी- पड़ोसी
और देश को
वास्तविक प्रेम का पाठ पढ़ाओ
ताकि इस देश के लोग
जीवन में
वास्तविक प्रेम का अर्थ समझ सकें---
क्या खोया,क्या पाया !
घनघोर अंधेरा,
मूसलाधार बारिश,
तूफान,
और उफनती यमुना ...
मैं नारायण बन गया,
अपने लिए,
बाबा वासुदेव और माँ देवकी के लिए ।
धन्यवाद
सभी लिंक शानदार। .बढ़िया संकलन हुआ है। ...रचनाये रोचक हैं। कृष्णरंग में सराबोर रचनाएँ हृदय को सकूं पहुंचाती हैं
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने लिए बहुत बहुत धन्यवाद
युहीं उत्साह बढ़ाते रहिये
वाह! 1500 वें अंक तक का शानदार सफ़र तय करने के लिये पाँच लिंकों का आनन्द परिवार अपने स्नेही सुधीजनों का शुक्रिया अदा करता है.
जवाब देंहटाएंयह मक़ाम सुखद अनुभव से गुज़रकर हासिल हुआ है.
सभी चर्चाकारों एवं सहयोगियों का हार्दिक अभिनंदन!
उम्मीद है ऐसे अनेक सोपानों तक आप सब का स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहेगा.
सस्नेहाशीष व अक्षय शुभकामनाओं के संग हार्दिक बधाई आपलोगों को 1500 से आगे अनगिनत तक यूँ ही सफर चलता रहे..
जवाब देंहटाएंसराहनीय संकलन के लिए साधुवाद...
वाह! मन खुश कर दिया आपने सुमधुर रचनाओं की इस रिमझिम से। बधाई और आभार इस पंचदश शतकीय संकलन का!!!
जवाब देंहटाएंबधाई 1500 की।
जवाब देंहटाएंउत्तम संकलन एवम बधाई
जवाब देंहटाएं💐🌷😇🌷💐🌷💐🌷💐🌷
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाईऔर शुभकामनायें पंच लिंक । सभी रचनाकारों की पहचान और लोकप्रियता को नये आयाम देते हुए प्रस्तुति के जादुई अंक की उपलब्धि तक की रचना यात्रा बहुत रोमांचक है। सुंदर रचनाओ से सजे अंक के लिए हार्दिक बधाई प्रिय कुलदीप जी। सभी को शुभकामनाएं 🙏🙏🙏
💐🌷💐🌷💐🌷💐🌷
वाह बेहतरीन लिंक्स चयन के साथ ही 1500वें अंक के लिये बहुत बहुत बधाई की पात्र है आपकी पूरी टीम 🌺🌺
जवाब देंहटाएंइस आंगन बाड़ी में यूं ही बहारें आती रहें
जवाब देंहटाएं1500/1500000 की गिनती छू ले। हम गाते रहें, तुम जियो हजारो साल साल के दिन हो पचास हजार।
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं सभी अनुगामियों को।
आज का अंक बहुत सुंदर लगा शानदार प्रस्तुति करण। सुंदर लिंक ।
सभी रचनाकारों को बधाई।
बेहतरीन संकलन..1500 वें संकलन की आप सब को हार्दिक बधाई । इस संकलन को वटवृक्ष सदृश्य बनाने के लिए आप सब
जवाब देंहटाएंकी मेहनत और लगन अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है ।
बहुत ही सुन्दर संकलन |1500 वें अंक की हार्दिक बधाई सभी चर्चा करो को |यह करवा यूँ ही बढ़ता रहा और नित नये आयाम को छूता रहे, यही दुआ है सृष्टि से |
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार आदरणीय
सादर
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति 1500 वे अंक की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं1500 वे अंक तक के सफ़र की हार्दिक बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंयूँ ही हलचल मचाते रहिए
सादर नमन
1500 वें अंक के लिये बहुत बहुत बधाई की पात्र है
जवाब देंहटाएंढेर सारी शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंhttps://halchalwith5links.blogspot.com/2019/08/1499-99.html
जवाब देंहटाएं"very nice inspiration quotes about beauty-motivation456
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