आज कोई गलती नही हुई
रोज थोड़े न ही होती है गलतियाँ...
चलिए पढ़ें आज की रचनाएँ.....
साँझ के बादल - धर्मवीर भारती
नीलम पर किरनों
की साँझी
एक न डोरी
एक न माँझी ,
फिर भी लाद निरंतर लाती
सेंदुर और प्रवाल!
बोलते हैं ये चेहरे....अजय कुमार झा
हे
मधुसुदन_
नाग_नाथन_हार
मैं हूँ
एक कोई भी_
बेहद खूबसूरत ‘जवान’_लड़की_
रंग, सुगन्ध_अलबत्ता_
अलग ही है मेरी
अलबेली रचते हो तुम_
पुष्प कुटज के .... शशि पुरवार
श्वेत चाँदनी पंख पसारे
उतरी ज्यों उपवन में
पुष्प कुटज के जीवट लगते
चटके सुन्दर, वन में
श्वेत श्याम सा रूप सलोना
फूल सुगन्धित काया
काला कड़वा नीम चढ़ा है
ग्राही शीतल माया
छाल जड़ें और बीज औषिधि
व्याधि हरे जीवन में
पुष्प कुटज के जीवट लगते
चटके सुन्दर, वन में
'भारतरत्न' डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ...अनीता सैनी
व्यक्तित्व में झलकता नूर,
जीवन कोहिनूर-सा चमकता है ,
इंसान के लिबास में,
धरा पर आया फ़रिश्ता,
कर्तव्यनिष्ठा का पाठ उनकी छवि में झलकता है |
मेहंदी के रंग ....अनुराधा चौहान
नारी का असीम स्नेह है मेहंदी,
प्रीतम का अगाध प्यार है मेहंदी।
बिना मेहंदी कोई रौनक नहीं,
त्यौहारों की शान है मेहंदी।
उत्सवों की परंपरा है मेहंदी,
युवतियों की जान है मेहंदी।
मेहंदी मिटकर भी चहेती है,
नारी के जीवन का रंग है मेहंदी।
क्या कोई सुन सकता है ...रेवा
मन के अंदर छुपी बैठी वो
अलिखित कविता
वो मन के कोने में बैठा
एक छोटा सा बच्चा
महीने भर का हिसाब किताब
और उसमे छिपा बचत
उस बचत से जाने
क्या कुछ न ख़रीद लेने की
योजनाएं
.......
अब बारी विषय की
आज का विषय इसी अँक से
विषय
मेंहदी
उदाहरण
नारी का असीम स्नेह है मेहंदी,
प्रीतम का अगाध प्यार है मेहंदी।
बिना मेहंदी कोई रौनक नहीं,
त्यौहारों की शान है मेहंदी।
रचनाकार-आदरणीय अनुराधा चौहान
अंतिम तिथि- 03 अगस्त 2019
प्रकाशन तिथि- 05 अगस्त 2019
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सादर
यशोदा
सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं बहना
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
सुन्दर सूत्र संकलन सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह!!खूबसूरत संकलन !!👍
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार प्रस्तुति सभी लिंक लाजवाब।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌,
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएँ, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ
सादर
सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा है सभी रचनाकारों को बधाई व शुभकामनायें आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार यशोदा जी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं से सजी शानदार प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी यह सम्पूर्ण रचना सुन्दर एवं भाव से पूर्ण है।
जवाब देंहटाएंपरन्तु "साँझ के बादल" ....सुन्दर एवं लयबद्ध रचना।
और 'अनीता सैनी जी' द्वारा हमारे हृदय प्रिय कलाम साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करती रचना...मन में एक अलग ही भाव उत्पन्न कर रही है।