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मानसून की असमानता का असर दिखाई देने लगा है।
प्रकृति का वरदान जो कहीं अभिशाप भी है। कुछ मूलभूत समस्यायें हैं जो वर्षो से त्यों की त्यों हैं हर बार मानसून के पहले बेहतरीन प्रबंधन का महल खाड़ा किया जाता है जो बारिश की बौछारों के साथ भरभराकर गिर जाता है।
हम सारी समस्याओं का दोष सरकार और प्रशासन के सर मढ़कर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते है।
काश कि हम खामियाँ गिनाने के पहले कोई एक खामी भी सुधारने में अपना योगदान दे पाते तो तस्वीर कुछ और होती।
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चलिए आज की रचनाएँ पढ़ते है-
शशि पुरवार.....साँठ-गाँठ का चक्कर
अमित निश्छल.....सो जा चाँद दुलारे
मन की गति ना समझ सका मैं, ना तुमको समझाता
जबरन कल की सुबह बनेगा, सूरज भाग्य विधाता;
यही जगत की रीत बुरी है, दुखी बहुत जग सारा
सो जा चाँद, दुलारे ...
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रेवा टिबड़ेवाल...बस्ती
लुटती है बीच सड़क इज़्ज़त
पर सभी चुप होकर
रंग मिला कर
बैठ जाते हैं शांत
कोई इंकलाब पैदा नहीं होता
नित नई लाशें
अपने रंग के कंधों पर
ढोई जाती हैं
आम आदमियों का
कोई रंग नहीं होता
इसलिए हर एक रंग की लाशों को
ढोते-ढोते इनके काँधे
बदरंग हो चुके हैं
★★★★★★
दिलबाग सिंह "विर्क"
लड़कियाँ चिड़ियाँ नहीं होतीं
जयश्री वर्मा.....कहाँ से लाओगे?
मुहब्बत में दूरियां,बेचैनियाँ बढ़ाएंगी,मैंने माना ,
अगर राहें जिक्र करें मेरा,तो तुम लौट ही आना ,
के फूल,बाग़,नदी,और गलियां पूछेंगे बार-बार ,
अपने ही क़दमों के खिलाफ,कैसे बढ़ पाओगे ?
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अवश्य प्रेषित करें।
हमक़दम के विषय के लिए
यहाँ देखिए
कल का अंक पढ़ना न भूलें
कल आ रही हैं विभा दी हमेशा की तरह
अपनी खास प्रस्तुति के साथ।
#श्वेता सिन्हा
मानसून की असमानता
जवाब देंहटाएंकारण और कर्ता हम सब ही है..
वृक्ष नहीं, जमीनों ने डामर के कपड़े पहन लिए है
दोना-पतरी छोड़ डिस्पोजल शुरु किए
सही समझाईश के साथ बेहतरीन प्रस्तुति..
सादर..
प्रकृति का बदला भयानक होता जा रहा... वक़्त हाथ से निकलता जा रहा है..
जवाब देंहटाएंचेत जागृत हो
अति सुंदर प्रस्तुतीकरण
वाह!!श्वेता ,सुंदर प्रस्तुति । मानसून की असमानता क्या रंग लाएगी ,जानकर भी अनजान बने बैठे हैं हम ...
जवाब देंहटाएंसमय रहते कुछ चेतना होगा ...।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति बेहतरीन रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति हमें शामिल करने हेतु हृदय से आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंसादर
सुंदर प्रस्तुति प्रिय श्वेता। जयश्री वर्मा जी के ब्लॉग से आज ही परिचय हुआ। बहुत बहुत आभार इस संकलन के लिए।
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद आपका मीना शर्मा जी मेरी रचना और मेरे ज़िक्र के लिए !🙏 😊
हटाएंवाह! सार्थक भूमिका के साथ अपने संकलन में एक नवीनता का समावेश श्वेता जी की प्रस्तुति का स्वभाव है। बधाई और आभार।
जवाब देंहटाएंसार्थक चिंतन देती भुमिका के साथ शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
Nice artical sir nonuPyw to go to yahoo.
जवाब देंहटाएंमेरी कविता " कहाँ से लाओगे "को पांच लिंकों का आनन्द में स्थान देने के लिए आपका सादर धन्यवाद श्वेता सिन्हा जी !🙏 😊
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