सादर अभिवादन..
अच्छा लगा
भाई कुलदीप जी आ गए
अच्छा लगा
पिछला अँक देख कर
नीतिगत फैसला लिया है सखी ने
समर्थन करती हूँ मैं...
स्वागतेय क़दम, हम-क़दम का
चले रचनाओं की ओर...
न जला पायी न दफना पायी,
तुमने जन्म भी नही लिया,
और मृत्यु के ग्रास में समा गए,
सोच कर सोचती रह जाती हूँ,
शब्दों में अपनी व्यथा न कह पाती हूँ,
वो जो सपने और उम्मीदें थी तुमसे जुड़ गई
चल बहल जा, यूं ही बातों से, ऐ मेरे दिल....
नाराज है क्यूं, दूर बैठा क्यूं ऐसे आज है तू?
माना, बस दिखावे की, यहाँ है दिल्लगी,
मिठास बस बातों में है, पर हर बात में है ठगी,
कुछ ऐसी ही है, वश में कहाँ है जिन्दगी?
कल आर्टिकल 15 देखी....मनोरंजक फिल्मों से बहुत अलहदा, यथार्थवादी फिल्म। पूरी फिल्म झंझोड़ कर रख देती है...फिल्म के संवाद तमाचे से मारते है....कितने ही दृश्यों में मुझे अपनी आँखों में कुछ पिघलता सा लगा। हालांकि यह पोस्ट कोई फिल्म समीक्षा नहीं है लेकिन फिर भी बौद्धिकता और तार्किकता रखने वाले हर दर्शक को यह फिल्म देखनी चाहिये।
जो पूछना नहीं भूलते
कैसे हैं आपके पौधे ..
उन्हें पता है
आपकी जान बसती है
अपने पौधों में,
जैसे कहानियों में
अक्सर राजा की
जान बसती थी
हरे तोते में ।
चलते-चलते ......डॉ.जोशी कुमार सुशील
बस अब रुक..
रोकते रोकते
भी बादल
फट जाता है
पानी
ही पानी
चारों तरफ
हो जाता है
कितने मन
और
कितने सावन
किसके
हिस्से में
कितने बादल
-*-*-*-
अब बारी विषय की
उन्यासिवाँ अंक (79)
विषय
सावन
उदाहरण
एक तो आज के अंक में है
और दूसरा
रात सावन की
कोयल भी बोली
पपीहा भी बोला
मैंने नहीं सुनी
तुम्हारी कोयल की पुकार
तुम ने पहचानी क्या
मेरे पपीहे की गुहार?
कालजयी रचना है ये
रचनाकार
स्मृतिशेष अज्ञेय जी
अंतिम तिथि- 13 जुलाई 2019(शाम 03 बजेतक)
प्रकाशन तिथि- 15 जुलाई 2019
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सादर
यशोदा
सुप्रभात!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सूत्रों के साथ खूबसूरत प्रस्तुति ।
सादर ..
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं के संग साधुवाद
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुतीकरण
वाह!!खूबसूरत प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंसुन्दर मंगलवारीय अंक के साथ 'उलूक' की बरसात का जिक्र भी करने के लिये आभार यशोदा जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन मेरी रचना को स्थान देने हेतु सादर धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन।बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति उम्दा लिंक संकलन....।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंक.....मेरे लेख को स्थान देने के लिये दिल से आभार
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट रचनाएँ एवम सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट रचना एवम सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपानी में तैरती ज्यों पाँच कागज़ की नावें.
जवाब देंहटाएंबधाई एवं धन्यवाद जगह देने के लिए.