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शुक्रवार, 21 जून 2019

1435....पिटती लकीर है, मजे में फकीर है, सो रहा जमीर है...

स्नेहिल नमस्कार
--------

आप अपने शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए
क्या करते है?
आप भी योग करते हैं क्या?
बात जब भी सेहत को  चुस्त-दुरुस्त रखने की हो तो निःसंदेह व्यायाम की श्रेणी के अंतर्गत प्राथमिक सूची में "योग" का नाम सबसे पहले लिया जाता है।
चमत्कारिक योग
मन,मस्तिष्क, आत्मा और शरीर में संतुलन बनाये रखने में सहायक होता है।
योग न केवल शारीरिक वरन् अनेक मानसिक व्याधियों से मुक्त कर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के का प्रवाह करने में सहायक है।
आधुनिक अत्यधिक व्यस्तम् और तनाव भरे  जीवन शैली में तो योग के प्रभावशाली
परिणाम दृष्टिगत हुये है।

तो चलिये आज की रचनाओं का आस्वाद करते हैं-
★★★★★★

प्रीति "अज्ञात" जी
प्रकृति,पर्यावरण और पृथ्वी

ये मासूम पक्षी; जो हर वृक्ष को अपना घर समझ हमारी सुबह-शाम रोशन करते हैं। जो सुबह की पहली धूप के साथ हमारे आँगन में चहचहाहट बन उतरते हैं, जो किसी बच्चे की तरह खिड़कियों से लटक सैकड़ों करतब किया करते हैं, जो अलगनी को अपने बाग़ का झूला समझ दिन-रात फुदकते हैं। हमने इन्हें क्या दिया? आधुनिकीकरण और विकास के नाम पर हम इनके भी घर छीन रहे हैं।
★★★★★
ज्योति खरे सर

मुस्तैद हो गयी हैं 
कैमरों की आंखें 
खींच रही हैं फोटो
पहले नेगेटिव फिर पाजिटिव
निगेटिव, पाजिटिव के बीच 
फैले गूंगेपन में
चीख रहैं हैं बच्चे 
चीख रहा है 
मुजफ्फरपुर 
बेआवाज़
★★★★★
सुबोध सर
विवशताएँ..... अपनी-अपनी

" अब सरकारी कर्मचारी मैं कहाँ से लाऊँ !?
या बैंक के किरानी के लिए
दस- बीस लाख भला कैसे जुटाऊँ ?
बेटी ! मुझे तो पाँच-पाँच बेटियाँ ब्याहनी है
वीणा, गुड़िया को ब्याह चुका
माना अब तुम तीसरी हो
मगर अभी अन्नू  , नीतू तो बाकी है
और फिर .... ये लड़का 'प्राइवेट' नौकरी वाला
मेरी भी तो पहली पसंद नहीं
मगर क्या करें मजबूरी है

★★★★★★
सुजाता प्रिया जी

भोग-विलास की मरिचिका में,
भटक रहा  जन- जन है।

अधिकाधिक पाने की इच्छा से,
व्यथित  यह  मन  है।

इस जीवन में आवश्यकताओं का,
अंत   नहीं  हो  सकता  है।

एक  पूर्ण हो  जाता  तो,
पुनः दूसरा आ जाता है।
★★★★★★
उलूक के पन्नों से
सुशील सर
बरसों लकीर पीटना सीखने के लिए लकीरें क़दम दर क़दम

पिटती लकीर है
मजे में फकीर है
सो रहा जमीर है
अमीर अब और अमीर है

कलम
लिखती नहीं है
निकलता है
उसका दम 


★★★★★★

एम.वर्मा सर
अपराधों पर अंकुश का रामबाण

सरकार ने मंत्रिमंडल को अपराध के प्रति चिंतित होने का निर्देश दिया. एक हफ्ते की चिंता प्रक्रिया पूरी की गयी. तत्पश्चात एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में बढते अपराध के प्रति आक्रोश प्रस्ताव पास करने के उपरांत अपराध कम करने के लिये भी चिंतन मनन किया गया. अंततोगत्वा बैठक में अपराध पर अंकुश लगाने का रामबाण ढूढ ही लिया गया. जो प्रस्ताव पास हुआ वह निम्नवत है : 
१- छिनैती एवम लूट आर्थिक कारणो से होते हैं और पूंजी को चलायमान रखते है,  इसलिये इसे व्यापार की श्रेणी में शामिल कर लिया जाये. 

★★★★★★
आज का यह अंक 
आपको कैसा लगा?
आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रियाओं की
सदैव प्रतीक्षा रहती है।

हमक़दम के विषय के लिए

यहाँँ देखिये


कल का अंक पढ़ना न भूलें

कल आ रहीं हैं विभा दी 
अपनी विशेष प्रस्तुति के साथ।
★★★★★★

ज़िंदगी दुधमुँहों की इतनी सस्ती है
हमने ये सोचा नहीं
ताडंव मौत का देखते रहे अनवरत
हमने कैसे रोका नहीं?
कलपती,सिसकती,बेबस,तड़पती माँ की
आँचल में राख भर गया
कैसे समझाये उनको
जिन्हें मिला है उम्रभर के ग़म का इनाम
यह हादसा नहीं बकायदा है हत्या 
कुदरत का दिया निर्मम तोहफ़ा नहीं


#श्वेता सिन्हा

15 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    सार्थक अग्रलेख...
    स्तरीय रचनाएँ..
    साधुवाद..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. "पाँच लिंकों का आनंद" के 1435वें अंक में सभी श्रेष्ठ लोगों की श्रेष्ठ रचनाओं में छिपी संवेदना, उत्पीड़न, सामजिक बिडंवनाओं आदि से अवगत कराती संकलन हेतु आभार आपका ....
    इनके साथ मेरी भी साधारण सी रचना को शामिल करने के लिए मन से धन्यवाद आपका ...

    जवाब देंहटाएं
  3. संवेदनशील रचनाओं को चयन करने के लिए साधुवाद छूटकी

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात....
    बहुत अच्छा संकलन।मेरी भी छोटी-सी रचना को स्थान देने के लिए धन्यबाद।साभार।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन संकलन के लिये धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर प्रस्तुति। आभार श्वेता जी 'उलूक' की पिटती लकीर को जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। धन्यवाद। राजीव उपाध्याय

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन रचनाओं का संगम...
    शुभकामनाएँँ

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर सकारात्मक भूमिका के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  10. उत्तम संकलन. मेरे आलेख को स्थान देने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  11. बेहतरीन प्रस्तुति आरंभ से शेष तक सार्थक चिंतन देती भाव पंक्तियाँ।
    सुंदर लिंकों का चयन
    सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत अच्छी भूमिका लिखी है
    सुंदर संयोजन, सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मिलित करने आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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