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शनिवार, 29 जून 2019

1443...डॉ. सतीश राज पुष्करणा


चित्र में ये शामिल हो सकता है: Satish Raj Pushkarna, पाठ

 कुछ समय से अस्वस्थ्य चल रहे हैं... शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु कामना
जन्म : 05/10/1946, लाहौर (पंजाब) अब पाकिस्तान में... 73 साल के 
 स्वत्व समाचार डॉट कॉम के लिए अभिलाष दत्त जी द्वारा August 20, 2018 को लिया गया डॉ. सतीश राज पुष्करणा जी का महत्वपूर्ण साक्षात्कार के अंश
चित्र में ये शामिल हो सकता है: 3 लोग, Satish Raj Pushkarna सहित, लोग खड़े हैं लाहौर से पटना आकर बसे सतीश राज पुष्करणा पिछले 45 साल से लघुकथा लिख रहे हैं। हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से लघुकथा सम्मान से सम्मानित पुष्करणा लघुकथा विधा की पहली समीक्षात्मक किताब “लघुकथा: बहस के चौराहे पर” लिख चुके हैं। स्वत्व समाचार डॉट कॉम के लिए अभिलाष दत्त ने उनसे बातचीत की।

1. आपका जन्म लाहौर (पाकिस्तान) में हुआ, वर्तमान में आप पटना में रह रहे हैं। इस सफ़र के बारे में बताइए।

उत्तर:- मेरे दादा परदादा लाहौर में मॉडर्न टाउन में 51 नंबर की कोठी में रहते थे। मेरे दादा जमींदार थे। उस समय भारत पाकिस्तान एक ही था। पिताजी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रेलवे इंजीनियर थे। उसके बाद सन 47 में देश आजाद होते ही देश का बंटवारा हो गया। हमारा पूरा परिवार बग्घी पर बैठ कर मामा के साथ अमृतसर चले आए। उसके बाद हम लोग पिताजी के पास सहारनपुर चले गए। वहीं से मैंने मैट्रिक किया। इलाहाबाद के के.पी.इंटर कॉलेज से इंटर पास किया। आगे बी.एस.सी के पढ़ाई के लिए देहरादून के डी.बी.एस कॉलेज में दाखिला लिया। 1964 के जनवरी में शादी हो गयी। उसी साल नवंबर में पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ।
श्रीमती जी के कहने पर नौकरी की तलाश शुरू की। मामा ने कहा उनके बिज़नेस में हाथ बटाऊँ। मेरा मन रिश्तेदारी में काम करने का बिल्कुल भी नहीं था। नौकरी की तलाश में पटना चला आया। पटना में यूनाइटेड स्पोर्ट्स वर्क में काम मिला 125 रुपये वेतन पर। छः महीने के बाद वह काम छूट गया। उसके बाद मखनिया में पटना जूनियर स्कूल में गया काम मांगने के लिए , वहाँ से उन्होंने मुझे सेंट्रल इंग्लिश स्कूल भेज दिया। इस स्कूल में केवल महिला शिक्षक को ही नौकरी पर रखा जाता था। मेरी श्रीमती जी को वहाँ नौकरी मिल गयी। स्कूल के बच्चे हमारे यहाँ ट्यूशन पढ़ने आने लगे। मैं खुद गणित और अंग्रेजी पढ़ाया करता था। उसके बाद अपना स्कूल खोला विवेकानंद बाल बालिका विद्यालय। 76 में अपना खुद का प्रेस , ‘बिहार सेवक प्रेस’ शुरू किया। 2001 में आधुनिकरण के अभाव के कारण प्रेस बन्द हो गया। प्रेस बन्द होने के बाद भी काम चलता रहा।
चित्र में ये शामिल हो सकता है: 1 व्यक्ति
हिन्दी लघुकथा के महत्त्वपूर्ण पड़ाव
चित्र में ये शामिल हो सकता है: एक या अधिक लोग, लोग बैठ रहे हैं और बाहर
लघुकथा का शीर्षक
चित्र में ये शामिल हो सकता है: 7 लोग, मुस्कुराते लोग, लोग खड़े हैं
हिन्दी लघुकथा में जानकी वल्लभ शास्त्री का योगदान
चित्र में ये शामिल हो सकता है: 1 व्यक्ति, बैठे हैं, खड़े रहना, भोजन और अंदर
डॉ. सतीश राज पुष्करणा
चित्र में ये शामिल हो सकता है: Satish Raj Pushkarna
संस्कार
चित्र में ये शामिल हो सकता है: 3 लोग, Satish Raj Pushkarna सहित, लोग खड़े हैं


चित्र में ये शामिल हो सकता है: 3 लोग, Satish Raj Pushkarna सहित, लोग खड़े हैं
><
अब बारी है विषय की
बड़ा ही क्लिष्ट काम है ये
सतहत्तरवाँ विषय

है

बारिश

उदाहरण कुछ भी नहीं
अपने मन से लिखिए
और एक खास बात 
आप चाहे तो अपनी पसंद के
फिल्मी या गैर फिल्मी बारिश के गीत का
 का ऑडियो या वीडियो भी
भेज सकते हैं।

अंतिम तिथि- 29 जून 2019
प्रलाशन तिथि- 01 जुलाई 2019
मजा है आज लिखिए
छपेगी अगले महीने
पर भेजिएगा ब्लाग सम्पर्क फार्म पर ही

7 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय दीदी..
    डा.पुष्करणा जी शीघ्र स्वस्थ हों..
    बढ़िया प्रस्तुति..
    आभार..
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार विभा दी साहित्य जगत के सुप्रसिद्ध व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रस्तुति के लिए... उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  3. डॉ. सतीश राज पुष्करणा जी के शीघ्र स्वास्थलाभ की मंगलकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय पुष्करणा जी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। सभी बहुत अच्छी रचनाएँ है दी। साहित्यिक संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  5. लघु-कथाकार और दीर्घ व्यक्तित्व के स्वामी पुष्करणा जी को सादर नमन और उनके शीघ स्वास्थ्य-लाभ की शुभकामना।

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय दीदी - साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर सतीशराज जी के बारे में आज पहली बार जाना पर भरपूर जाना जिसके लिए आपकी आभारी हूँ |उनके कृतित्व के बारे में बहुत अच्छा लगा | उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है | ईश्वर करे कि वे स्वस्थ होकर साहित्य सेवा में रत हों | सार्थक , सुंदर अंक के लिए | सादर आभार और प्रणाम |

    जवाब देंहटाएं

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