यानी पितृ दिवस के उपलक्ष्य में लेख्य मंजूषा पटना के द्वारा काव्योत्सव मनाया गया।
तथा मंच संचालन दिल्ली से आई पम्मी सिंह ने किया। इस अवसर पर विभा रानी श्रीवास्तव
ने कहा कि बच्चों को संस्कार अगर मां देती है तो पिता सहने और जुझने की शक्ति..
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अल्फाज जो उगते, मुरझाते, जलते, बुझते
जवाब देंहटाएंरहते हैं मेरे चारों तरफ,
बेहतरीन प्रस्तुति..
सादर...
आपका पटना आना सुखद लगता है...
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुतीकरण
आपकी स्नेहिल शब्दों के लिए धन्यवाद दी🙏
हटाएंबेहतरीन लिंको की लाजवाब प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर लिंकों का चयन शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह!!शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह लाजवाब।बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत पंक्तियों के संग्रह
जवाब देंहटाएंमैं संगीता गोविल
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन!
जवाब देंहटाएंआभार!