पचहत्तरवें अंक का
विषय
आदरणीय रेवा बहन की रचना
प्रेषण तिथि - 15 जून 2019
प्रकाशन तिथि - 17 जून 2019
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शुभ प्रभात दीदी..
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह सदाबहार प्रस्तुति
सादर नमन...
सराहनीय संकलन दी हमेशा की तरह अलहदा रचनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीदी, सादर प्रणाम। मंच के रचना कारों और पाठकों को सप्रेम अभिवादन। आज के सार्थक और अपनी पहचान आप लिए अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और आभार। जलन मौसम जनित हो समझ आता है पर अकारण किसी से ईर्ष्या करना या जलन रखना बहुत ही अनैतिक कृत्य है। सच कहें तो इस कारण हम किसी निस्वार्थ रिश्ते को गंवा बैठते हैं। हम साहित्य साधक हैं, हमारे लिए ये बिल्कुल नहीं हैं। जलन भीतर व्याप्त होकर किसी और को नहीं खुद को दीमक की भाँति खा जाती है। सभी रचनायें पढ़वाने के लिए आपका पुनः आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और लाजवाब प्रस्तुति दी !!
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति। सभी रचनाएँ बेहतरीन।
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