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रविवार, 10 फ़रवरी 2019

1304..वसंत भी है ...और वेलेनटाईन भी है

सादर अभिवादन

हम हुस्ने-मुजस्सम का ही करते हुए पीछा,
जाना था कहीं और निकल आये कहीं और। 
-कुँवर कुसुमेश 


ऐसा ही होता है
माह-ए-फरवरी में
खो बैठता है सुध-बुध
वसंत पंचमी भी है ...और 

वेलेनटाईन सप्ताह भी है
सर्व प्रथम माँ को नमन


और रचनाएँ भी है रंग भरी..



तुम ही कहो..श्वेता सिन्हा

प्रेम की परिभाषा में
रंग,बहार,मुस्कान की
और कितनी परत चढ़ाओगे
प्रेम की अभिव्यक्ति में 
कुछ तो नयापन लाओ
बदलाव ही प्रकृति है


दिग्दर्शन, आज करा जा.....अमित निश्छल
धवल अंबु सा भला रूप
मानो है खान सुख़न की,
जँचती हैं तेरी यादें
जैसे हों वायु चमन की;
तुम जब मुझमें खो जाती
सो जाती साँझ नवेली,

चलो फिर आज बता ही देती हूं...सुषमा वर्मा
चलो फिर आज बता ही देती हूं,
वो सब कुछ आज तक कभी,
तुमसे कहा ही नही..
कि बात कोई भी हो मेरे जीवन की,
तुम्हारी बात होती है...
बता ही देती हूं,छुप कर बहुत बार,

प्रिय आ जाओ.........अनुराधा चौहान

हिय में हूक उठी
फूली अमराई
कोयलिया कूक उठी
कलियां चटकी
फुलवारी खिल उठी
फूलों पर हो रहा
भंवरों का गान 
प्रिय आ जाओ
हिय में हूक उठी


एकाकी.......पुरुषोत्तम सिन्हा

कचोटते हैं गम ग़ैरों के भी मुझको,
मायूश हो उठता हूँ उस पल मैं,
टपकते हैं जब, गैरों की आँखों से आँसू,
व्यथित होता हूँ, सुन-कर व्यथा!

रहने दो एकाकी तुम, मुझको रहने दो तन्हा!



खूबसूरत सा गुलाब....सविता मिश्रा
कोई मुझे भी तो  एक पकड़ाओं यारा गुलाब 
देखे बहुत दिन हो गए मुझे एक न्यारा गुलाब
मचलता गुलाब डे भी देखो आज आ गया इधर
न शरमाओं तुम दे दो मुझे भी एक प्यारा गुलाब

उलूक ने नहीं किया था प्यार कभी
और जतलाया भी नहीं
वो उमर थी न..किसी और बहाने से
कर लिया था प्यार

चाकलेट 
खेल खिलौने
जूते कपड़े 
स्कूल की फीस 
छोटे छोटे 
उपहार
कर देते थे 
तुरंत ही
आई लव यू 
का इजहार

प्रेम की 
वही खिड़की
विन्डो दो हजार
से अपडेट हो कर
विन्डो आठ जैसी
जवान हो कर
आ गयी है तैयार

अब बस
आपको भी जाना है
हाट-बाजार-चौक-चौरस्ते
मिलने-जुलने
यशोदा











13 टिप्‍पणियां:

  1. सरस्वती पूजन और बचपन की यादें ,एक बार फिर प्रबल हो गयी हैं।
    तब हम बच्चों को दौलत की गठरी नहीं अपना बस्ता प्रिय था।
    खैर समय बदल गया,अब तो लक्ष्मी पुत्र कहलाने की चाहत हर किसी में है?
    सुंदर अंक और सभी को सुबह का प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं
  2. छोटे छोटे
    उपहार
    कर देते थे
    तुरंत ही
    आई लव यू
    का इजहारो...
    बीत गये वो बचपन के दिन, अब तो बिकाऊ से हैं,ये तीन शब्द..?

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर संकलन
    सस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना

    जवाब देंहटाएं
  4. हिय में हूक उठी
    फूली अमराई
    कोयलिया कूक उठी
    कलियां चटकी
    फुलवारी खिल उठी....
    अनुराधा जी की बसंत अनुराग से पंछी पंक्ति पटल को सार्थक बना रही है।
    समस्त जनों को बसंतोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं .....

    जवाब देंहटाएं
  5. अमित निश्छल जी की रचना से उद्धृत अंश...
    दृश्यांकित स्वप्न तुम्हारे, पथ मेरे बिसराते हैं;
    इक बार नयन तो फेरो, उड़ती अलकों से खेलो,
    नादाँ मैं, तृण बन जाऊँ, तुम रजनीगंधा हो लो।
    बेहतरीन काव्याभिव्यक्ति का दर्शन दे गई । बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ।

    जवाब देंहटाएं
  6. वसंत पंचमी की हार्दिक बधाई ,माँ सरस्वती हम सब पर आपने आशीष बनाये रखे ,सभी रचनाकारों को शुभकामना

    जवाब देंहटाएं
  7. हा हा ऐसा तो नहीं कहे थे फिर भी चलिये आपकी खुशी के लिये मान लिया :) । सुन्दर हलचल प्रस्तुति के साथ 'उलूक' की बकवास की पोटली से कुछ उठा लाने के लिये आभार यशोदा जी।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार यशोदा जी

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर प्रस्तुति ।
    सभी रचनाकारों को बधाई
    बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं मां शारदे सभी को वरदहस्त मेधा वर दे ।
    सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने । विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते ॥

    जवाब देंहटाएं
  10. सभी योग्यजनों को सादर नमन। विद्या की देवी सदा प्रसन्न रहें। आज का अंक बहुत गहराई से पढ़ा, सुंदर और बेमिसाल रचनाओं के सृजक और उनकी रचनाशीलता को नमन।
    आदरणीया यशोदा जी, अतिशय आभार आपका इतनी प्रभावशाली रचनाओं से अवगत कराने के लिए🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  11. अतिसुन्दर अंक मोहक अप्रतिम।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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