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शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2019

1302...सर्दियाँ पिघल रही हैं मौसम में


स्नेहिल अभिवादन
सर्दियाँ पिघल रही हैं मौसम में 
बसंती बयार की
सुगबुगाहट शुरु हो चुकी है

जाफ़रान बिखरा हवाओं में
धरा को पियरी पहना गया
उतरकर आम की फुनगी से
सुमनों का मन बहका गया
तितली भँवरें गाये नेह के छंद
सखि रे वसंत फिर आ गया

चलिए आज की रचनाएँ पढ़ते हैं-
★★★★
आदरणीय सतीश सर

सोंचा था मदद करूँ तेरी
इस लिए उठाया हाथों में ,
आश्रय , छाया देने, मैंने 
ही तुम्हें लगाया सीने से !
क्या पता मुझे ये प्यार तेरा,
मनहूस रहेगा, जीवन में ,
अनबुझी प्यास निर्दोष रक्त
से कहाँ बुझे अमराई में ! 
आदरणीया वंदना गुप्ता जी

इन्द्रियों पर नहीं होता जहाँ नियंत्रण 
मल मूत्र विसर्जन स्वाभाविक प्रक्रिया सा 
जहाँ होता है बिस्तर में ही संपन्न 
यूँ शिशुवत हो गया उसका सब व्यवहार 
लगता है जैसे उसने भी 
ले लिया है जन्म दोबारा एक ही जन्म में

★★★★★

आदरणीया प्रीति सुराना जी

न खुद में जिजीविषा
न फिर बनने या बिगड़ने की संभावना
फिर भी 
अपनों की संतुष्टि के लिए
अपनों के ही निर्णय पर
अपनों की ही स्वीकृति से
कृत्रिम साँसों के माध्यम से (वेंटिलेटर पर)
जीवन को बिना किसी संभावना के 
रोके रखना,..!
★★★★★
आदरणीय रवींद्र जी

पत्थर होते खंड-खंड 
महीन से महीनतर 
फिर महीनतम होती
चूरा-चूरा गिट्टी  
मज़दूरों की साँसों के रास्ते 
फेफड़ों में जमा हो रही है 
और दौलत..... 
तथाकथित नेता की 
तिजोरियों में!
अगले चुनाव तक 

★★★★★

आदरणीया सुमन जी
किसी भी वृक्ष पर
फैली हुई अमरबेल
धीरे-धीरे उस वृक्ष का
सारा रस चूसकर
उसके जीवन को ही
लील लेती है !

आदरणीय डॉ. कौशलेन्द्रम जी

हाईकोर्ट में सरकारी अधिवक्ता डॉक्टर दागी को अनिवार्य सेवानिवृत्त किये जाने के संदर्भ में “मूलभूत नियम छप्पन के नियम दो (क)” की प्रासंगिकता को स्पष्ट नहीं कर पा रहे थे । महाधिवक्ता ने मुख्यमंत्री को संदेश भिजवाया कि चुनाव सिर पर है और यह निर्णय उनके विरुद्ध जा सकता है । विचार-विमर्श के बाद न्यायाधीश ने सरकार को एक अभ्यावेदन समिति बनाकर डॉक्टर दागी के प्रकरण पर पुनर्विचार करने का आदेश परित किया । अभ्यावेदन समिति में सचिव स्तर के उच्चाधिकारियों को सम्मिलित किया गया जिन्हें हर स्थिति में साठ दिन के अंदर अपने निर्णय से हाईकोर्ट को अवगत कराना था ।
सुनिये मेरी एक पसंदीदा ग़ज़ल
आज जगजीत सिंह का
जन्मदिन है-
★★★
आज का यह अंक आपको
कैसा लगा?
बहुमूल्य प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहती है।

हमक़दम के विषय के लिए


कल का अंक पढ़ना न भूलें
कल आ रही हैं
विभा दी विशेष प्रस्तुति के साथ।

16 टिप्‍पणियां:


  1. धीरे धीरे रस चूस लिया,
    दिखती स्नेही, लिपटी सी !
    हौले हौले ही जकड़ रही,
    आकर्षक सुखद सुहावनि सी
    मेहमान समझ कर लाये थे
    अब प्रायश्चित्त, न हो पाए !
    खुद ही संकट को आश्रय दें
    कोई प्रतिकार न हो पाये !
    अर्थपूर्ण संदेश, जब जागे तभी सबेरा।
    सुंदर अंक और यह बसंत का उल्लास कविता से बाहर निकल आप सभी के गृहस्थ जीवन में खुशियाँ बिखरे ।
    इन शुभकामनाओं के साथ सुबह का प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात...
    बेहतरीन पंक्तियाँ....
    जाफ़रान बिखरा हवाओं में
    धरा को पियरी पहना गया
    उतरकर आम की फुनगी से
    सुमनों का मन बहका गया
    तितली भँवरें गाये नेह के छंद
    सखि रे वसंत फिर आ गया
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. क्षमा चाहूंगा ,
    खुशियाँँ बिखेरे के स्थान पर टाइप करने में असावधानी से खुशियाँ बिखरे पोस्ट कर बैठा।

    जवाब देंहटाएं
  4. जाफ़रान बिखरा हवाओं में
    धरा को पियरी पहना गया
    उतरकर आम की फुनगी से
    सुमनों का मन बहका गया
    तितली भँवरें गाये नेह के छंद
    सखि रे वसंत फिर आ गया...बहुत सुन्दर |
    सुन्दर प्रस्तुति 👌
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. उत्तम..
    केसर बिखरा हवाओं में
    धरा को पियरी पहना गया
    तन-मन सारा केसरी हो गया
    सादर.

    जवाब देंहटाएं
  6. धीरे धीरे रस चूस लिया,
    दिखती स्नेही, लिपटी सी !
    हौले हौले ही जकड़ रही,
    आकर्षक सुखद सुहावनि सी
    मेहमान समझ कर लाये थे
    अब प्रायश्चित्त, न हो पाए !
    खुद ही संकट को आश्रय दें
    कोई प्रतिकार न हो पाये !
    अभिशप्त वृक्ष, सहचरी क्रूर , बेशर्म चरित्रहीन कितनी !
    बहुत सुंदर रचनाओं के लिंक्स दिए है,मुझे भी इन सब में शामिल
    करने के लिए हृदय से आभारी हूँ !

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम ,रचनाकारों को हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  8. हमेशा की तरह ,बेहतरीन प्रस्तुति ,गजल सुन कर आनंद आ गया मेरे भी पसंदीद गायको में से एक हैं जगजीत सिंह जी ,सादर स्नेह

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन रचनाओं का संकलन.. सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत शानदार प्रस्तुति हर रचना लाजवाब ।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  11. सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं

    जवाब देंहटाएं
  12. अनुपम कविताओं का अतुलनीय संग्रह, प्रत्येक ही रचना काबिले तारीफ.... सभी सृजनकारों को हार्दिक बधाइयाँ

    जवाब देंहटाएं

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