बसंती बयार की
फेफड़ों में जमा हो रही है
आज जगजीत सिंह का
जन्मदिन है-
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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जवाब देंहटाएंधीरे धीरे रस चूस लिया,
दिखती स्नेही, लिपटी सी !
हौले हौले ही जकड़ रही,
आकर्षक सुखद सुहावनि सी
मेहमान समझ कर लाये थे
अब प्रायश्चित्त, न हो पाए !
खुद ही संकट को आश्रय दें
कोई प्रतिकार न हो पाये !
अर्थपूर्ण संदेश, जब जागे तभी सबेरा।
सुंदर अंक और यह बसंत का उल्लास कविता से बाहर निकल आप सभी के गृहस्थ जीवन में खुशियाँ बिखरे ।
इन शुभकामनाओं के साथ सुबह का प्रणाम।
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पंक्तियाँ....
जाफ़रान बिखरा हवाओं में
धरा को पियरी पहना गया
उतरकर आम की फुनगी से
सुमनों का मन बहका गया
तितली भँवरें गाये नेह के छंद
सखि रे वसंत फिर आ गया
सादर
क्षमा चाहूंगा ,
जवाब देंहटाएंखुशियाँँ बिखेरे के स्थान पर टाइप करने में असावधानी से खुशियाँ बिखरे पोस्ट कर बैठा।
वाहः
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
सुंदर अंक
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएं
बढ़िया संकलन लिंक्स का |
जवाब देंहटाएंजाफ़रान बिखरा हवाओं में
जवाब देंहटाएंधरा को पियरी पहना गया
उतरकर आम की फुनगी से
सुमनों का मन बहका गया
तितली भँवरें गाये नेह के छंद
सखि रे वसंत फिर आ गया...बहुत सुन्दर |
सुन्दर प्रस्तुति 👌
सादर
उत्तम..
जवाब देंहटाएंकेसर बिखरा हवाओं में
धरा को पियरी पहना गया
तन-मन सारा केसरी हो गया
सादर.
धीरे धीरे रस चूस लिया,
जवाब देंहटाएंदिखती स्नेही, लिपटी सी !
हौले हौले ही जकड़ रही,
आकर्षक सुखद सुहावनि सी
मेहमान समझ कर लाये थे
अब प्रायश्चित्त, न हो पाए !
खुद ही संकट को आश्रय दें
कोई प्रतिकार न हो पाये !
अभिशप्त वृक्ष, सहचरी क्रूर , बेशर्म चरित्रहीन कितनी !
बहुत सुंदर रचनाओं के लिंक्स दिए है,मुझे भी इन सब में शामिल
करने के लिए हृदय से आभारी हूँ !
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम ,रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह ,बेहतरीन प्रस्तुति ,गजल सुन कर आनंद आ गया मेरे भी पसंदीद गायको में से एक हैं जगजीत सिंह जी ,सादर स्नेह
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं का संकलन.. सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
बहुत शानदार प्रस्तुति हर रचना लाजवाब ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअनुपम कविताओं का अतुलनीय संग्रह, प्रत्येक ही रचना काबिले तारीफ.... सभी सृजनकारों को हार्दिक बधाइयाँ
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