कुछ को देवी जी ने
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शनिवार, 2 जुलाई 2016
352.....होता है उलूक भी खबर लिये कई दिनों तक जब यूँ ही नदारत हो रहा होता है
कुछ को देवी जी ने
7 टिप्पणियां:
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जवाब देंहटाएंफर्क तो नहीं पड़ता है फिर भी आदत है :) क्या करें ? तारीख 2 हो गई है 3 की जगह । आभारी है 'उलूक' सूत्र 'ख्नबर की कबर' को आज के पाँच सूत्रों में स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंआभार भैय्या जी
हटाएंठीक कर दीजिए न
कुछ नहीं बदला है
सादर
सभी रचनाएँ लाजवाब हैं...मेरी रचना को इस में स्थान मिला ......आभारी हूँ
जवाब देंहटाएंअाभार रचना को सम्मान देने के लिए , लिंक बेहतरीन लगे ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंSunder chitthon se saji halchal.Meri rchana achchi lagi abhar.
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