देवी जी की तबियत आज ज़रा
नासाज़ सी है
सो आज मेरी पसंद...
कुछ आपकी पढ़ी भी हो सकती है
और अनपढ़ी भी....
इंसान की असली दौलत ...कविता रावत
नेक इंसान नेकी कर उसका ढोल नहीं पीटता है।
अवगुण की उपस्थिति में सद्गुण निखर उठता है।।
कोई बुराई अपनी सीमा के भीतर नहीं रह पाती है।
अच्छाई और सद्गुण इंसान की असली दौलत होती है।।
तेरे प्रेमग्रंथ के पन्नों पर...रंजना वर्मा
गुज़र गए जो पल वो लौट कर नहीं मिलते ...दिगम्बर नासवा
हजार ढूंढ लो वो उम्र भर नहीं मिलते
उजड़ गए जो आँधियों में घर नहीं मिलते
नसीब हो तो उम्र भर का साथ मिलता है
किसी के ढूँढने से हम-सफ़र नहीं मिलते
नैनो में अपने लौ दिये की जला कर
इंतज़ार में बैठे हम तुम्हारे लिये
राह में तेरी अपनी पलके बिछा कर
अबला नारी...आशा सक्सेना
अवला नारी बेचारी
सवल कभी ना हो पाई
हर कोशिश असफल रही
है अन्याय नहीं तो और क्या |
सीता ने दी अग्नि परीक्षा
थी सचरित्र साबित करने को
फिर चले आना....सरिता भाटिया
आज का शीर्षक...
ले खा एक स्टेटमेंट अखबार में और दे के आ.... डॉ. सुशील जोशी
बंदरों के
सारे कार्यक्रमों
की फोटो
के साथ
उल्लू बैठा
था मंच पर
अध्यक्ष भी
बनाया
गया था
आज के लिए बस
इतना अतिक्रमण काफी है
आज्ञा दें
दिग्विजय को
सादर
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंजरा सी छींक क्या आई
बिस्तर पे धर दिया
पिया हो तो ऐसे ही
सादर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
शुभप्रभात...
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन....
Behatarin rachanayen...meri rachna shamil karne ke liye shukriya
जवाब देंहटाएंBehatarin rachanayen...meri rachna shamil karne ke liye shukriya
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स हैं ... आभार मुझे शामिल करने का ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल। आभार दिग्विजय जी 'उलूक' के अखबार के एक पुराने स्टेटमेंट की फिर से संस्तुति के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल में मेरे पोस्ट शामिल करने के लिए आभार सर |
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