सुप्रभात दोस्तो
सादर प्रणाम
चारो तरफ गंदी राजनीति का
खेल खेला जा रहा है
और
उसमे बेटी को
घसीटा जा रहा है जो साबित करता है
कि
हमारे कुछ नेता किस हद तक जा सकते है।
इसलिए आज शुरुआत बेटी पर कविता से
करते है।.........
बेटियां आँगन की महक होती हैं
बेटियां चौंतरे की चहक होती हैं
बेटियां सलीका होती हैं
बेटियां शऊर होती हैं
बेटियों की नज़र उतारनी चाहिए
क्योंकि बेटियां नज़र का नूर होती हैं
इसीलिए
बेटी जब दूर होती हैं बाप से
तो मन भर जाता संताप से
डोली जब उठती है बेटी की
तो पत्थरदिलों के दिल भी टूट जाते हैं
जो कभी नहीं रोता
उसके भी आँसू छूट जाते हैं
वे नहीं चाहते
कि औरतों के आँखें हों.
आँखें होंगी,
तो वे देख सकेंगी,
जान सकेंगी
कि क्या-क्या हो रहा है
उनके ख़िलाफ़,
उन्हीं के सामने.
आज एक बेबी शो में रु-ब-रु मिलने का मौका मिला था| गर्मजोशी से एक दूसरे से गले मिलकर दोनों बहुत खुश थीं|’बेबी शो’ की प्रतिस्पर्धा में किरण का आठ महीने का गुलथुल बेटा भी शामिल था| हर तरह के परीक्षणों के बाद परिणाम की बारी थी| जीत वाली लिस्ट में किरण के बेबी का नाम नहीं था मगर इससे बेखबर वह अपने बच्चे को प्यार किए जा रही थी|
‘ तुम्हारा बेटा नहीं जीत सका फिर भी तुम उससे प्यार क्यों किए जा रही हो”, सुमन ने तीखी बात कही|
“जीत से क्या मतलब, यह मेरा बच्चा है तो प्यार क्यों न करूँ,” किरण ने तल्खी से कहा|
सहज खड़े पत्थर पहाड़ सब
जंगल अपनी धुन में गाते,
पावन मौन यहाँ छाया है
झरने यूँ ही बहते गाते !
वृक्ष न कहते फिरते खग से
बन जाओ तुम साधन मेरे,
मानव ही केवल चेतन को
जड़ की तरह देखता जग में !
ज़िन्दगी की ज्यामिति
इतनी भी मुश्किल
नहीं कि जिसे
ढूंढे हम,
हाथ
की लकीरों में। तुम्हारे
शहर में यूँ तो हर
चीज़ है ग़ैर
मामूली,
मगर
अपना दिल लगता है
सिर्फ फ़क़ीरों में।
चाँदनी रात में आसमान में खिले चाँद को देखकर फुटपाथ पर फटी चादर पर लेटे हुए जिले ने नफे से कहा ,"भाई नफे देख दुनिया चाँद तक पहुँच गयी और एक हम हैं जो इस फुटपाथ से ऊपर न उठ सके।"
जिले के बगल में मैली-कुचैली चादर पर करवट बदलकर सोने की कोशिश करते हुए नफे ने जब यह बात सुनी तो मंद-मंद मुस्कुराने लगा।
अब दीजिए आज्ञा
सादर
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएँ
ये तुम्हे हुआ क्या है
बारिश में भीग गए हो लगता है
कंपकंपी छूट रही है
तभी..
दिल को हिला देने वाली रचनाएँ
प्रस्तुत कर दी आज..
सादर
शुभप्रभात...
जवाब देंहटाएंक्या बात है...
वाह..
जवाब देंहटाएंशानदार
सादर
सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रसतुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
देर से आने के लिए खेद है..सुंदर सूत्र संकलन, बहुत बहुत आभार !
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