आयुर्वेद के महारथी
भगवान धन्वन्तरी जी की जयन्ती
आइए प्रणाम करें उनको..
और मांगे उनसे...
अपने कुल-परिवार की
आरोग्यता...
हम नीरोग हैं तो धनागमन
स्वयमेव हो जाएगा
मैं भी आज कुछ मांगती हूँ
भगवान धन्वन्तरी से
बड़े व स्थापित ब्लॉगर के पास
बुद्धि तो है ही..उन्हें सद्बुद्धि भी प्रदान करें
ताकि वे उभरते साहित्यकारों की
उपेक्षा न करें....वरन् सराहना करें
हम ब्लॉग एग्रीकेटर
उन्हें सामने लाते हैं
ताकि वे भी साहित्य-जगत में
सही स्थान पा सकें
चलिए आज के सूत्रों की और....
आज रात चाँद इक महफ़िल में छा गया
धुन तो नहीं थी कोई मगर गीत गा गया
रोशनी में रोशनी दिखती नहीं मगर
दीपक जले अनेक तो रामराज्य आ गया
किसी के पढ़ने या
समझने के लिये नहीं होता है
लक्ष्मण के प्रश्न का
जवाब होता है
बस राम ही
कहीं नहीं होता है
क्या जवाब दूँ
मैं तुझे लक्ष्मण
मैं राम होना भी
नहीं चाहता हूँ
खुशियों में सभी रंग जाये ,
आओ ऐसे मनायें दीवाली |
चंदा भी धरा पर आ जाये ,
आओ ऐसे मनायें दीवाली ||
मैं चाँद हूँ
दागदार हूँ
अनिश्चितता मेरी पहचान है
कभी घटता कभी बढ़ता
कभी गुम कभी हाज़िर
मैं सूरज की तरह
चमकता नहीं
आधी रात के बीत जाने पर
सुबह से कुछ दूर
एक पहर ठिठका खड़ा था...
टप टप बूंदों की झड़ी लगी थी...
वो उसमें भींग रहा था...
खुद को पहचानते नहीं जब
पहचान माँगते है......
हम वक़त से कुछ ना सीखी
वो ये बात जानते है ......
जो लोग रफ़्तार में है, जो
उनकी नब्ज़ तो टटोलो
वो छोटों के दोस्ती नहीं
पर दुश्मनों को वो अपना
मददगार मानते है.......
शौक़ीन हूँ मैं
तुम्हारे दिए संबोधनों
वैश्या , कुल्टा और छिनाल की
तुम्हारे उद्बोधनों का
जलता कोयला रखकर जीभ पर
बजाते हुए ताली
मुस्कुराती हूँ जब खिलखिलाकर
खुल जाते हैं सारे पत्ते
आज बस इतना ही
उत्सव का समय है
सबके पास काम भरपूर है
पर... साहित्यकार
उसके पास समय ही समय है
दीपोत्सव की अग्रिम शुभकामनाएँ
आज्ञा दें यशोदा को
शुभप्रभात दीदी...
जवाब देंहटाएंप्रस्तुत संकलन में पांचोंचों रचनाएं एक से एक जयनित की गयी है...
आभार आप का।
शुभ प्रभात छोटी बहना
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष
उम्दा चयन
अशेष शुभकामनायें
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल यशोदा जी ..........बधाई
जवाब देंहटाएंधनतेरस की बधाई । सुंदर हलचल । आभार 'उलूक' के सूत्र 'किसी के पढने या समझने के लिये नहीं होता है लक्ष्मण के प्रश्न का जवाब होता है बस राम ही कहीं नहीं होता है' को आज की हलचल में जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंआभार आपका |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंसभी को धन्वन्तरी जयन्ती/धनतेरस की हार्दिक शुभकामनायें!
मोहब्बत के दंगे
जवाब देंहटाएंना चले कभी हिन्दुस्तां में नफरत की आंधी यारो
फैला दो हर घर शहर शहर यह मोहब्बत के दंगे
ना हो टुकड़े हिन्द के ना मिटे यहाँ भाईचारा यारो
मिटाकर कर नफरतें सारी अपनालो मोहब्बत के दंगे
जब भी बढे योगियों जोगियों के कदम इधर को यारो
दिखा दो इनको अब जो यहाँ चल पड़े मोहब्बत के दंगे
कभी मिटा ना सके कोई अपनी प्यार भरी हस्ती यारो
मोहब्बत ही मोहब्बत हो हर तरफ मोहब्बत के दंगे
बहुत खूबसूरत लिंक संयोजन ........ आभार यशोदा
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