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शनिवार, 28 नवंबर 2015

भूख



सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष

जाड़े का मौसम हो तो खाने की चर्चा स्वाभाविक है
गर्मियों में भूख कम लगती है
कुछ की भूख कभी नहीं मिटती


रजाई

कम हुई गरमाहट बोलो कब कहाँ
रिश्तों की रजाई में
अब ठण्ड का बसेरा है
खोजती है वो भी
इक ताप गरम सेंक की !

कंदूरी

कंदूरी की बेल का रोपण किसी भी मोषम मे किया जा सकता है ।
इसकी कलम लगती है । जो दो तीन महिने बाद फलने लगती है ।
और दो वर्ष तक हमेशा लगातार फलती रहती है ।
पर कंदूरी की बेल तराई बाली जगह होना चाहिए ।
~मुझे पसंद है इसकी भुजिया ..... आपलोगों को ?


अदरक

रोज भोजन  से पहले अदरक को बारीक़ टुकड़े टुकड़े करके
सेंधा नमक के साथ लेने से पाचक रस बढ़कर अरुचि मिटती है।
वायु भी नहीं बनती व् भूख भी खुलकर लगती है।
 जिससे स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।

शहद

शहद को आयुर्वेद में अमृत माना गया है।
रोजाना सही ढंग से शहद लेना सेहत के लिए अच्छा होता है।
लेकिन गलत तरीके से शहद का सेवन करने से
फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।


सोआ

सोआ का साग (Soa Ka Saag) करीब करीब वैसे ही बनता है
जैसे मेथी या बथुआ का साग बनाया जाता है।
यानी सबसे पहले आपको सोआ को अच्छी तरह से धुलना है।
 फिर पानी को निथर जाने दें। सोआ का पानी निथर जाए
तो इसे चॉपिंग ट्रे पर रखकर काट लें।


गन्ना


रक्त की कमी, अम्लपित्त, रोगों में
गन्ने का ताजा रस काफी फायदेमंद है।
गन्ना शीतल पेय पदार्थ है
 यह एनीमिया, जौण्डिस, हिचकी आदि में परम उपयोगी है।


चुस्की ..... चाय

....राम  राज  में  दूध  मलाई , किशन  राज  में  घी ,
कलयुग में मिलती है चाय... फूंक फूंक कर पी...।

हमारे मुहल्ले के एक चाय दुकानदार ने अपनी दुकान के आगे बड़े बड़े अछरों में ये लाइनें लिखवा रखी हैं। चाय हमारे लोकाचार का अंग बन चुकी है। अब आप किसी के घर जाते हैं तो वह चाय आफर करता है। कई जगह तो बिना पूछे ही चाय आ जाती है। शायद ही कोई आदमी हो जो चाय न पीता है। अगर आप चाय भी नहीं पीते तो क्या पीएंगे

बड़ा कठिन सवाल है
मैं नहीं न पीती


फिर मिलेंगे ....... तब तक के लिए आखरी सलाम



विभा रानी श्रीवास्तव



8 टिप्‍पणियां:

  1. राम राज में दूध मिला था, किशन राज में घी ,
    मोदी राज में मिलती है चाय... फूंक फूंक कर पी...।
    अच्छी प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर पोस्टों से सजा आपका ब्लॉग, साभार! आदरणीया यशोदा जी!

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय आंटी...
    आपने भूख पर अच्छी रचनाएं पेश की...
    आभार आप का....

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर रोचक हलचल प्रस्तुति ....
    आभार!

    जवाब देंहटाएं

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