सादर अभिवादन...
अगर चाणक्य जीवित रहते तो
भारत में विदेशी राजा कभी भी
राज्य कर ही नही सकता...
आचार्य चाणक्य का लोहा
सच मेंं मानना ही पड़ता है
सदियों पहले आचार्य चाणक्य ने
एक सशर्त विवाह करवाया..
सम्राट चन्द्रगुप्त का....
चलिये चलते हैं कड़ियों की ओर...
सम्राट चन्द्रगुप्त की विदेशी पत्नी हेलेना
यूनानी आक्रमणकारी सेल्यूकस चन्द्रगुप्त मौर्य से हार गया था उसकी सेना बंदी बना ली गयी। तब उसने अपनी खूबसूरत बेटी हेलेना के विवाह का प्रस्ताव चन्द्रगुप्त के पास भेजा । हेलेन बेहद खूबसूरत थी । आचार्य चाणक्य ने उसका विवाह सम्राट चन्द्रगुप्त से कराया।
बिटिया
मुस्कान तेरी ऐ बिटिया
रखूँ पलको मे छुपाके
तेरे खुशी की खातिर
ये दुनिया रखूँ सजा के
ले लिया मौसम ने करवट
व्योम से बादल गए हट
कनक-नभ से विहग बोले
‘तल्प-प्रेमी' उठो झटपट
ले लिया मौसम ने करवट
वो कभी भी दिल से दूर नहीं रहा,
ज़रा भी नहीं।
बमुश्किल ही कोई ऐसा दिन बीता होगा
जब उसकी याद में खोई ना रही हो।
झुंझलाहट, बड़बड़ाना, अपने से बतियाना,
तुम्हारा इंतज़ार है...
मेरा शहर अब मुझे आवाज़ नहीं देता
नहीं पूछता मेरा हाल
नहीं जानना चाहता
मेरी अनुपस्थित की वजह
सांध्यकालीन निशा ने
अपनी धुन में मस्त
निर्झरणी से पूछा ----
लोग आते हैं
डुबकी लगाते हैं और
चले जाते हैं ---
उनका ये कृत्य
तुम्हारे दिल को नहीं दुखाता ?
चल पड़े जिधर दो डग, मग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर
पड़ गई जिधर भी एक दृष्टि, पड़ गये कोटि दृग उसी ओर;
जिसके सिर पर निज धरा हाथ, उसके शिर-रक्षक कोटि हाथ
जिस पर निज मस्तक झुका दिया, झुक गये उसी पर कोटि माथ।
और अंत में बापू को पुनः नमन
के साथ इज़ाज़त मांगती हूँ
यशोदा
शुभप्रभात...
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक चयन किया है दीदी आपने...
आभार आपका।
बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉगपोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबापू-शास्त्री जी की जयंती की सभी को हार्दिक बधाई!
बहुत सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंsundar prastuti abhar n dhanyavad ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद यशोदा जी ----- सही कहा....अगर चाणक्य जीवित रहते तो
जवाब देंहटाएंभारत में विदेशी राजा कभी भी
राज्य कर ही नही सकता...