मैं इस बात पर जोर देता हूँ...
मैं महत्त्वाकांक्षा , आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ....
पर मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ...
और वही सच्चा बलिदान है....
भगत सिंह ने जो कहा...
समय आने पर वो करके भी दिखाया...
शत-शत नमन हैं आप की कुर्वानी को...
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है
न शोले में ये करिश्मा न बर्क़ में ये अदा
कोई बताओ कि वो शोखे-तुंदख़ू क्या है
ये रश्क है कि वो होता है हमसुख़न हमसे
वरना ख़ौफ़-ए-बदामोज़ी-ए-अदू क्या है
चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन
हमारी ज़ेब को अब हाजत-ए-रफ़ू क्या है
जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा
कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है
वो चीज़ जिसके लिये हमको हो बहिश्त अज़ीज़
सिवाए बादा-ए-गुल्फ़ाम-ए-मुश्कबू क्या है
पियूँ शराब अगर ख़ुम भी देख लूँ दो चार
ये शीशा-ओ-क़दह-ओ-कूज़ा-ओ-सुबू क्या है
रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी
तो किस उम्मीद पे कहिये के आरज़ू क्या है
बना है शह का मुसाहिब, फिरे है इतराता
वगर्ना शहर में "ग़ालिब" की आबरू क्या है
अब प्रस्तुत है आज की पांच लिंकों से सजी हलचल...
चावल के पहाड़ और दाल की नदी पर
कटे खीरा, टमाटर के फूल लगाना।
बहुत याद आता है बचपन दीवाना
सान कर दाल भात हाथों से खाना।
जहाँ से धूप आती है सवेरे-सवेरे
और कभी कभी बरसात भी वहां ठहर कर जाती है...
याद है तुम्हें, उस आसमान में जो एक सुराख छोड़ा था कुछ साल पहले, उसके नीचे अब बहुत बड़ा जंगल उग आया है.... अलग-अलग तरह के दरख़्त है उसमे, कुछ फूलों की कोमल
पंखुड़ियाँ भी अठखेलियाँ करती हैं... सबके अलग-अलग रंग, अजीब अजीब सी खुशबू ... इसको अलग अलग छांट नहीं सकते, किसी की कोई अलग पहचान नहीं सब गडमड सा, सुहाना...
ये जंगल एकदम सपनों सरीखा है न, सपना ही तो है... क्यूंकि हकीकत में आस-पास देखो तो अजीब ही माहौल है...
काम, क्रोध
लोभ, मोह, अहंकार
विकार हैं इस देह के
तो जब तक हम
स्वयं को
देह की बजाय
आत्मा नहीं मानते
छूट नहीं सकते
ये विकार ...!
क्या अजब जगह है
बिखरी पड़ी है
वेदना दुःख दर्द
जीवन मृत्यु के प्रश्न
इसी अस्पताल के
किसी वार्ड के बिस्तर पर
हाँ जी यह वही फेसबुक है .... जिसने आम आदमी को भी आज खास बना दिया है, या यों कहे कि सुपरस्टार बना दिया है . शुरू शुरू में चर्चा थी फेसबुक आया है, अमीरों
के चोचले ......कब आम जीवन की जरुरत बन गए किसी को भनक नहीं नहीं पड़ी . अकेले घर में बैठे बैठे लोग जहाँ अपने अड़ोसी पडोसी से कट गए वहीँ फेसबुक के जरिये पूरी
दुनियाँ से जुड़ गए हैं, कितना सच है कितना झूठ कोई नहीं जानता किन्तु झूठ का बड़ा सा मायाजाल ऐसा फैला हुआ है जिसकी चमक में सब धुंधला पड़ गया है. एक ऐसा नशा
जो सर चढ़ कर बोलता है .
अब अंत में एक सूचना...
क्या आपने ‘ब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगेटर’ पर अपना ब्लौग दर्ज नहीं किया है?...आज ही पंजिकरण करें...
ब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगेटर ब्लॉगिंग की दुनिया में एक अभिनव और उच्च तकनीक से सम्पन्न प्रयास है. सूचना तकनीक के इस दौर में पूरे विश्व में ‘न्यू मीडिया’ का
वर्चस्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जिसमें ‘ब्लॉगिंग’ का महत्वपूर्ण स्थान है. ब्लॉगिंग की विस्तृत और विविध आयामी दुनिया में एग्रीगेटरों की भूमिका महत्वपूर्ण
है. ब्लॉगिंग के वैश्विक परिप्रेक्ष्य, तथा इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ‘ब्लॉगसेतु टीम’ ने ब्लॉगों को एक आधुनिकतम मंच प्रदान करने का प्रयास ‘
ब्लॉगसेतु ’ ब्लॉग एग्रीगेटर के माध्यम से किया है.
ब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगेटर का पहला संस्करण 01 मई 2014 को जारी किया गया. हिन्दी ब्लॉगजगत के नामचीन ब्लॉगरों ने इस संस्करण का
तहे दिल से स्वागत किया.
अनेक ब्लॉगरों ने इस पर आलेख भी लिखे तथा इसे प्रचारित करने में अपनी भूमिका अदा की.
इसी से प्रेरित होकर ब्लॉगसेतु टीम ने ब्लॉगसेतु को उन्नत बनाने का निर्णय लिया. अनेक प्रयोगों से गुजरने के बाद अन्ततः 25 जनवरी 2015 को इसका दूसरा संस्करण
जारी किया गया.
‘ब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगेटर’ के माध्यम से हमारा प्रयास ब्लॉगों से सम्बन्धित हर गतिविधि, हर जानकारी को एकत्र कर एक स्थान पर उपलब्ध करवाने का है. इसी उद्देश्य
से हमने ब्लॉगों को श्रेणीवार विभाजित करने की दिशा की तरफ कदम बढ़ाये हैं. हालाँकि अधिकतर ब्लॉग विविध विषयों पर लिखे जा रहे हैं, फिर भी कोई एक विषय ब्लॉग की अन्तर्वस्तु को निर्धारित कर सकने
में सक्षम है और उसी हिसाब से कोई भी ब्लॉगर अपने ब्लॉग को किसी भी श्रेणी में जोड़ सकता है. इसके साथ ही हमने ब्लॉग से सम्बन्धित हर जरुरी जानकारी को एक ही पन्ने पर प्रविष्टियों सहित
उपलब्ध करवाने का प्रयास किया है. ब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगेटर के माध्यम से सोशल नेटवर्किंग साइट्स ( फेसबुक, ट्विटर,
गूगल+) पर भी आसानी से प्रविष्टियों को सांझा किया सकता है, इसके साथ ही अपने फेसबुक मित्रों को भी ब्लॉगसेतु से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.
ब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगटर के माध्यम से हमने ब्लॉग पाठकों को विशेष सुविधाएं देने का प्रयास किया है. साथ ही ब्लॉग मानकों पर खरी न उतरने वाली प्रविष्टियों
के लिए रिपोर्ट स्पैम का विकल्प भी दिया है. बाकी ब्लॉगसेतु का प्रयोग करने के बाद आप स्वयं ही इसकी खूबियों से परिचित हो जायेंगे और इसकी बेहतरी के लिए हमें
और सुझाब देंगे, यह हमें आशा है.
व्यवस्थापक
ब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगटर
धन्यवाद...
वाह...
जवाब देंहटाएंक्या कहने...
खूबसूरत प्रस्तुति
सादर
बढ़िया प्रस्तुति कुलदीप जी ।
जवाब देंहटाएंब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगेटर का काम प्रशंसनीय और उल्लेखनीय है, जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है ..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी देती हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!