।। प्रातः वंदन।।
प्राची का तेजस्वी दिनकर
चढ़कर नभ के अरुणिम विमान
पर; भर देगा भूमण्डल में
नव-नव सुन्दर स्वर्णिम विहान !
तब एक बार इस अखिल विश्व
में होगी फिर भीषण हलचल।
पौरुष प्रसुप्त मानव का उठ
जागृत होगा कर कोलाहल !
द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार के साथ,एक बार फिर शब्दों के सागर में डूबते हुए ..लिजिए आज की पेशकश में शामिल हैं..✍️
सोशल मीडिया की भेड़चाल से बचने की आवश्यकता
वर्ष 2021 का समय था जबकि खबर आई थी कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्रसिद्द सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक को Meta (मेटा) के नाम से जाना जाएगा. इस नाम परिवर्तन पर कम्पनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने बताया कि हम इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं. अब जो हम करने जा रहे हैं, उसके लिए नए..
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दरिया, इक ठहरा सा मैं, चंचल हो, उतने ही तुम! है इक, चुप सा पसरा, झंकृत हो उठता, वो सारा पल गुजरा, सन्नाटों से, अब कैसी फरमाईश, शेष कहां, कोई गुंजाइश! समय, कोई
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पुराना नोट
मैं एक फटा-पुराना नोट हूँ,
किसी को अच्छा नहीं लगता,
पर कोई फेंकता भी नहीं,
सब जानते हैं मेरी क़ीमत..
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सखी-सहेलियों जैसे रिश्तों के लिये
सइयो नी , सइयो नी
आ दुक्खाँ दे लीड़े धो लइये
कुझ कह लइये , कुझ सुन लइये
तेरे वेहड़े धुप्प ही धुप्प
मेरे वेहड़े छाँ कोई ना ..
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किसी के प्यार की तुमने
कोई कीमत नहीं समाझी
यह होता अनमोल
किसी से तुलना नहीं उसकी |
जब से सोचा प्यार किसे कहे ..
।। इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'✍️
सुंदर अंक. मेरे सृजन को स्थान दिया.आभार
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं सभी को
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की
बेहतरीन अंक
सादर
सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं .....
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