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रविवार, 27 अगस्त 2023

3862......चन्द्रमा के बाद सूरज, शुक्र, मंगल यान अब,

जय मां हाटेशवरी......
उपस्थित हूं......
आज के लिये अपनी पसंद लेकर....

चन्द्रयान 3


चन्द्रमा के बाद सूरज, शुक्र, मंगल यान अब,
पथ सकल ब्रह्माण्ड का सुखमय ही सारा हो गया.
कुछ कड़ी मेहनत सफलता लक्ष्य मंगल कामनाएँ,
हो नहीं पाया था जो पहले दुबारा हो गया.

नई इबारतें !
जंग लगी कलमों की
स्याही भी सूखने लगी हैं ।
कुछ नया , नये जमाने का लेकर फिर से 
दस्तूर तो निभा लें हम।

रामटेक, श्रीराम को समर्पित क्षेत्र
विवरण वाल्मीकि रामायण तथा पद्मपुराण में भी उल्लेखित है ! यह जगह श्री राम के वनवास काल से जुड़ी हुई है ! दंडकारण्य से पंचवटी की यात्रा के दौरान प्रभु राम,
सीताजी तथा लक्ष्मण जी ने बरसात के मौसम के चार माह यहीं टिक कर गुजारे थे ! इसीलिए इस जगह का नाम ''रामटेक'' पड़ गया ! उसी दौरान माता सीता ने यहीं अपनी पहली
रसोई बना ऋषि-मुनियों को भोजन करवाया था ! इसके अलावा यही वह जगह है जहां प्रभु राम की भेंट अगस्त्य ऋषि से हुई थी और उन्होंने श्री राम को ब्रह्मास्त्र प्रदान
किया था, जिससे रावण की मृत्यु संभव हो सकी !

हाइकू
कैसे भूलती
जिसे ना भूली कभी
पल भर को

जगत और तन
मन के आकाश में 
बन जाये तन यदि चेतन 
तो एक हो जाता है मन से 
ओए शेष रह जाती है ऊर्जा अपार 
जो  बिखर  जाती है बन आनंद
जगत में !

 

धन्यवाद।

5 टिप्‍पणियां:

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