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मंगलवार, 22 अगस्त 2023

3857 ...सुबह से लेकर शाम तक जिंदगी और मौत है

सादर अभिवादन

बाईस अगस्त
सावन जाने को है
ये सावन का पुरुषोत्तम मास
अब फिर आएगा इक्कीस साल के बाद
झूम लो गालो....इस वर्ष फिर
तरसेंगे डबल सावन के लिए
रचनाएं देखें ....



मुझे प्रार्थनाएं आयीं
वहाँ-वहाँ
जहाँ-जहाँ
लिखा मैंने
कोई प्रेम गीत
तुम्हारे साथ
तुम्हारे लिए




सावन मचले रिमझिम रिमझिम,
पानी बरसे छम छम छम,,
मयूर नाचते पंख पसारे,
नीड़ों से होती ची-ची हरदम,,
सावन मचले रिमझिम रिमझिम


 "रोटी" 'फ़िल्म' के लिए लिखी गयी आनंद बक्षी जी की दर्शनशास्त्र से सराबोर 
एक रचना की चर्चा करने की हिमाक़त कर रहे हैं, जिसका मुखड़ा है -

"यार हमारी बात सुनो, ऐसा इक इंसान चुनो
जिसने पाप ना किया हो, जो पापी ना हो"





कहीं न जाओ अब #जनाब ,
यूं ही बैठो रहो पास ,
कितना सुकून है जनाब ,
तुमसे मिलकर यूं आज ।
 
#मदहोशी की मस्ती है ,
वो वाहों की कश्ती है ,
सोचा न था यूं पूरी होगी ख्वाइश ,
चाहत के समंदर में लो डूबते हैं हम आज ।



पूतना का संहार किया और कंस को जिसने मारा।
पांचाली की लाज बचायी, हर अबला को तारा।।
मीरा के हैं गिरधर नागर, ... सखा सुदामा श्याम।
बांके बिहारी मुरली मनोहर, ...जप लो राधेश्याम।।
कृष्ण के धुन पर सृष्टि डोले, डोले यह तन-मन।
राधे राधे कृष्णायण..... राधे राधे कृष्णायण।।


चलते - चलते
कुछ तो सुन संजीदा ऐ डफर ..उलूक टाईम्स


बस ‘उलूक’ को पता है
उसका राम है उसका अल्लाह है उसका जीजस है
और सब एक है बाकी सांप है जहर है
सांप है तो जहर भी है काटता भी है तो मरता भी है
सुबह से लेकर शाम तक जिंदगी और मौत है
लेकिन कड़क धूप है तो है दोपहर

आज बस इतना ही
सादर

6 टिप्‍पणियां:

  1. जी ! .. सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को अपनी प्रस्तुति में स्थान देने के लिए ... सादर ! .. बस यूँ ही ...

    जवाब देंहटाएं
  2. सावन की खूबसूरत और प्रभावी रचनाएं
    बेहतरीन सूत्र संयोजन

    सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय मेम ,
    मेरी लिखी रचना " कितना सुकून है जनाब " को इस गरिमामय अंक पर शामिल करने लिये बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
    सभी संकलित रचनायें बहुत ही उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत बधाइयाँ एवं शुभकामनायें ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं

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