शीर्षक पंक्ति : आदरणीया आशा लता सक्सेना जी की रचना से.
सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक में आज की पसंदीदा रचनाएँ-
कहना ना मानना
अपनी जिद्द पर अड़े रहना
आज भी किसी बच्चे को
जब रोते देखती हूँ
तुम्हारी याद आती है
कविता | पर हुआ है यही | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
शीर्षक पंक्ति : आदरणीया आशा लता सक्सेना जी की रचना से.
सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक में आज की पसंदीदा रचनाएँ-
कहना ना मानना
अपनी जिद्द पर अड़े रहना
आज भी किसी बच्चे को
जब रोते देखती हूँ
तुम्हारी याद आती है
कविता | पर हुआ है यही | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
बेहतरीन अंक
जवाब देंहटाएंविशेष गोपेश भाई का अनुसंधान अच्छा लगा
आभार
सादर
धन्यवाद रंवीन्द्र सिंह जी मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आज के अंक में |
जवाब देंहटाएंक्लैप्टोमैनिया ब्लॉग से हट गया है शायद |
जवाब देंहटाएं