सादर नमस्कार
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सादर
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सादर नमस्कार
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शानदार अंक
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
छह सालों की सुखद रचना -यात्रा की बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंजल्द किताब प्रकाशित हो
हार्दिक आभार और प्रणाम प्रिय दीदी 🙏🙏
हटाएंवाह! शानदार अंक..
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट सृजन पढ़ने को मिला
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए हार्दिक आभार
लिंक पर उत्कृष्ट रचना पढ़ने काअवसर मिलता है।धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनमस्कार, जिनको भी बुख़ार हुआ है, शीघ्र स्वस्थ हो जायें, सराहनीय रचनाओं की ख़बर दे रहा है आज का अंक, आभार!
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर , मेरी रचना "यूं न रहो बैठे, किसी कौने ठिकानों में ..." को इस मंच में स्थान देने के लिये , बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंइस मंच में सभी सम्मिलित रचनायें बहुत उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत शुभकामनायें ।
सादर ।
उतकृष्ट रचनाओं का समायोजन, मेरी गजल को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंआदरनीय बडे भाई,पठनीय सूत्रों से सुसज्जित आपकी निरंतर दूसरी सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार।सभी रचनाकारों को बहुत- बहुत बधाई और शुभकामनाएं।मेरी रचना को भी सम्मिलित करने के लिए आभारी हूँ।9 जुलाई 2017 से शायद ही कोई रचना मंच पर आने से वंचित रही हो।बल्कि उससे भी पहले शब्दनगरी से ही रचनाएँ यहाँ आना शुरु हो गई थी।अनगिन पाठक मिले कुछ प्रत्यक्ष तो कुछ परोक्ष रहे।सभी को सस्नेह शुक्रिया।जब तक सुधि पाठकों तक लेखन ना पहुँचे वह सार्थक नहीं होतापाँच लिंक मंच ने ये कार्य बखूबी पूरी निष्ठा और जिम्मेवारी से किया है। निसन्देह छह साल पहले का वो उत्साह और सकारात्मकता चरम पर थे।जो लोग ब्लॉग को भूल घर बैठ गए हैंउनसे आग्रह है कि वापस आयें ताकि ब्लॉग जगत अपनी खोई रंगत और रौनक लौट आए।आपको एक बार फिर से आभार और प्रणाम।आशा है कि यशोदा दीदी का बुखार उतर गया होगा।ईश्वर शीघ्र उन्हें उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करे यही कामना है। 🙏🙏
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