बुराई में अच्छाई ढूंढों तो कोई बात बने..
और जादा समय न गवाते हुए नज़र डालें लिंकों पर..✍
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
“सिर्फ़ एक दिन ही उत्सव क्यों?
जवाब देंहटाएंपूरा जीवन ही उत्सवपूर्ण होना चाहिए”-
सत्य है, कि जीवन ही एक पर्व सा हो। हवचल के मंच को नमन। विस्मित करती उल्लेख से प्रारम्भ हुई इस अंक हेतु आदरणीया पम्मी जी का आभार।
शुभ प्रभात
हलचल पढ़ें ....कृपया
हटाएंव्वाहहहह...
जवाब देंहटाएंबाउर बयार, बहक बौराकर
तन मन मोर लपटायो.
शिथिल शबद, भये भाव मवन
सजन नयन घन छायो..
बेहतरीन प्रस्तुति..
सादर..
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतीकरण उम्दा लिंक संकलन
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार पम्मी जी ।
वाह!बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसरस संकलन।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना का चयन करने के लिए धन्यवाद पम्मी जी😊
जवाब देंहटाएं