सभी पाठकों को
रंगों के पावन त्योहार पर
होलीयाना नमस्कार
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रस में तैरते मालपुए,दही भल्लों की चटखारे हैं
रंगों की बरसात हो रही,उल्लास में डूबे सारे हैं,
हमजोली,हँसी-ठिठोली,टोलियों की मस्ती हो ली,
बहाने होली के, मिटे फासले ऐसे भी नज़ारे हैं।
आइये आज के विशेष अंक में आनंद लेते हैं कुछ
कालजयी रचनाओं का।
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फागुन रंग झमकते हों तब
देख बहारें होली की।
और दफ़ के शोर खड़कते हों
तब देख बहारें होली की।
परियों के रंग दमकते हों
तब देख बहारें होली की।
ख़म शीश-ए-जाम छलकते हों
जब तब देख बहारें होली की।
महबूब नशे में छकते हो
तब देख बहारें होली की।
गुलज़ार खिलें हों परियों के
और मजलिस की तैयारी हो।
कपड़ों पर रंग के छीटों से
खुश रंग अजब गुलकारी हो।
मुँह लाल, गुलाबी आँखें हो
और हाथों में पिचकारी हो।
उस रंग भरी पिचकारी को
अंगिया पर तक कर मारी हो।
सीनों से रंग ढलकते हों
तब देख बहारें होली की। .... आज का विशेष अंक आनन्द आएगा आपको अब बारी है विषय की एक सौ ग्यारहवां विषय दिलदार उदाहरण हेतु इसी अंक से भारतेन्दु हरिश्चंद्र जी की रचना पढ़ें। सादर.. #श्वेता |
सुख, शान्ति एवम समृद्धि की मंगलमयी कामनाओं के साथ आप एवं आप के समस्त परिजनों को पावन पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
होली की शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंतुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।
देखी मैंने बहुत दिनों तक
दुनिया की रंगीनी,
किंतु रही कोरी की कोरी
मेरी चादर झीनी,
तन के तार छूए बहुतों ने
मन का तार न भीगा,
तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।
सादर नमन..
होली की मंगलकामना
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति, होली की हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह
जवाब देंहटाएंधमाकेदार
जबरदस्त।
रचनाएँ हो ऐसी हो वरना ना हों।
होली की मंगलकामना 💐💐💐💐
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्रस्तुति श्वेता ।
बेहतरीन प्रस्तुति श्वेता। होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
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