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बुधवार, 3 जुलाई 2019

1447..आरास्ता हमारें ब्लॉग -ए -चमन की आपके दम से है..


।।प्रातः वंदन।।

सच के भगौने में विवेक का पानी रख कर उसमें 
श्रद्धा व विश्वास की चाय  आदर एवम उत्साह से गर्म करें  उर्मिला सिंह जी की

स्पेशल चाय का नुस्खा साथ ही



आज हम बात करेंगे हमारेंं टीम की छोटी सदस्य आदरणीय श्वेता जी की..छोटे शब्दों में..

"आरास्ता हमारें ब्लॉग -ए -चमन की

आपके दम से है "
प्रकृति को शब्दों में बिखेर कर , खुशनुमा माहौल बना, सब को बाँध लेने की कला ..
बहुत खूब है। 
सौम्य, सरल स्वभाव से परिपूर्ण, बड़ी आत्मीयता से सभी के साथ सम्बंध बना लेती हैं। सहज,सुरूचिपूर्ण तरीक़े से बड़ी शिद्दत से शब्द रूपी मोतियों को पिरोती हैं। यूँ तो आप कई ब्लॉगों से जुड़ी है, पर ब्लॉग "मन के पाखी " सम्स्त भावों का अवगुंठन है। जहाँ रचनाएँ मात्र शब्दों की अभिव्यक्ति नहीं बल्कि महसूस करने की क्षमता रखती है..कुछ इस तरह..
"अक्सर जब शाम की डोली
थके हुये घटाओं के
शानों से उतरती है
छनकती चाँदनी की पाजेब से
टूटकर घुँघरू
ख़्वाबों के आँगन बिखरती है
ख़ामोश दरख़्तों के
गीली बाहों मे
परिदों के सो जाने के बाद.."
🔅🔅



चलिए अब नज़र डालते हैं लिंकों पर..✍

🔅



आदरणीय ज्योति खरे जी ..


रुंधे कंठ से फूट रहें हैं

अब भी
भुतहे भाव भजन--
शिवलिंग,नंदी,नाग पुराना
किंतु झांझ,मंजीरे,ढोलक..

🔅
आदरणीय दिगंबर नासवा जी..


कौन मेरे सपनों में आ के रहता है

जिस्म किसी भट्टी सा हरदम दहता है

यादों की झुरमुट से धुंधला धुंधला सा..

🔅
आदरणीया अजीत गुप्ता जी..



किताबों के पन्ने पलटने का खेल बहुत खतरनाक है, वह भी इतिहास की किताबें। अब इतिहास तो तुम्हारे पुरखे ही लिख गये थे, तुम्हारे अपने लोग ही बता गये कि उनके काल में क्या घटा था! बस तुमने कभी पढ़ा नहीं और आज ये पढ़कर आ गये। जैसे-जैसे इतिहास के पन्ने पलटते गये, संसद में मौन पसरता गया..

🔅
हम-क़दम का नया विषय 
यहाँ देखिए

।।इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍

13 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    बेहतरीन प्रस्तुति..
    स्तरीय रचनाएँ..
    आभार..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. छूटकी का परिचय अच्छा लगा
    सुंदर प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। शुभकामनाएं श्वेता जी के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर संकलन । श्वेता जी को स्नेहिल शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  5. श्वेता जी का व्यक्तित्व ही ऐसा है ... अच्छी पोस्ट ...
    आभार मेरे गीत को शामिल करने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  6. जी नमस्ते पम्मी जी,
    आपने जो मान और प्यार दिया है मन अभिभूत है..आपका स्नेह है और सुंदर दृष्टि जो मेरे लिए इतने सुंदर शब्द उकेरे हैं आपने। सुबह से अनगिनत बार आकर पढ़ चुके बहुत बहुत बहुत आभार और दिल.से शुक्रिया आपका इतना स्पेशल फील कराने के लिए।
    आज की प्रस्तुति की सभी रचना सराहनीय है अच्छा संकलन।
    पाठकोंं को मेरा सादर प्रणाम आपसभी की आत्मीय शुभकामनाओं के लिए।
    सादर,सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह!!बहुत सुंदर प्रस्तुति । श्वेता के बारे में जो भी कहा आपने सोलह आने सच है । बडी अपनी सी लगती हैं हमेशा 👌

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत अच्छी प्रस्तुति। प्रिय श्वेता अब सबका परिचय कराती हैं। उनको परिचय की जरूरत नहीं रह गई है। है ना ?
    उनका परिचय उनकी रचनाएँ ही हैं। बहुत आभार पम्मी जी।

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह पम्मी जी आप सचमुच बधाई और साधुवाद की हकदार है। कम शब्दों की गागर से सागर भर दिया आपने।
    प्रिय श्वेता के बारे में आपने सतसैया के दोहरे जैसा कमाल कर दिया।
    सचमुच श्वेता अपनी पहचान खुद है बहुमुखी प्रतिभा की धनी शानदार कलमकार और लाजवाब कवियत्री।
    आज की प्रस्तुति बहुत शानदार है।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  10. प्रिय pammiजी, प्रिय श्वेता आज ब्लॉग जगत में एक चर्चाकार और प्रबुद्ध रचनाकर के रूप मे बेजोड़ है। विनम्रता और मिलनसारिता में बहुतबहुत प्यारी है। श्वेता को बहुत प्यार और हार्दिक शुभकामनाएं। आज का सन्तुलित अंक बहुत सार्थक रहा। लेख, गजल और कविता का चयन लाजवाब है। सभी रचनाकारों को सस्नेह हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  11. श्वेता जी का अच्छा परिचय दिया
    सुंदर संयोजन
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मिलित करने का आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  12. सचमुच आरास्ता ब्लॉग ए चमन की-श्वेताजी ! बहुत ही बढिया परिचय....
    शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  13. आपका दिल से शुक्रिया अदा करती हूं पम्मी जी।

    जवाब देंहटाएं

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