सच में हम चाहते ही थे कि आज की प्रस्तुति हम दें
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उसकी शख्शियत....सुप्रिया पाण्डेय
दर्द लफ़्ज़ों में बयाँ हो जाये तो,
कसक ही क्या रह जायेगी,
कांटो को अलग कर दें जो फूलों से,
शनाख्त गुलशन की क्या रह जायेगी,
अच्छी पत्नी चाहिए तो...ज्योति देहलीवाल
मॉल में घुमते हुए शिल्पा को उसकी प्रिय सहेली उषा मिल गई। दो-तीन साल बाद अचानक मुलाकात होने पर उसकी खुशी का पारावार नहीं था। 'कैसी हो उषा?' 'अरे, पुछ मत यार...बहुत टेंशन हैं।' 'टेंशन? किस बात का टेंशन हैं?'
'वो मेरा बेटा दीपक...' 'क्यों, क्या हुआ दीपक को ? ...
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अब बारी है...
हम-क़दम के तेईसवें क़दम
का विषय...
...........यहाँ देखिए...........
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आज्ञा दें यशोदा को
सुप्रभातम् दी:)
जवाब देंहटाएंपम्मी जी की विशेष प्रस्तुति की कमी तो है ही। बहुत ही अच्छी रचनाएँ लेकर आई है दी।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए अति आभार।
सस्नेहाशीष छोटी बहना...
जवाब देंहटाएंजिम्मेदारी बाँटते समय मैं भी कहती हूँ
दो चीज सभी ध्यान रखेंगे
-समय पर पहुँचना
कोई बहाना नहीं चलेगा
-सभी जिम्मेदारी सभी की है
मुझे तो यही मिला था... मुझे दूसरों को मिली जिम्मेदारी में हाथ नहीं बटाना... ऐसी सोच परिवार/संस्था के लिए खतरे की घँटी है...
आपके मेहनत देख बेहद खुशी होती है
बढ़िया रचनाए है सब यशोदा दी। मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआदरणीया पम्मी जी की अनुपस्थिति में आपके द्वारा बेहतरीन संकलन के साथ आयी है प्रस्तुति. सुन्दर रचनाओं से सजी प्रस्तुति के लिये बधाई.
जवाब देंहटाएंइस अंक में चयनित सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार.
अति विलंबित प्रतिक्रिया के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ, अभी सारी रचनाएँ पढ़ न पायी परंतु शीर्षक और कुछ पंक्तियाँ आकर्षित कर रही अवश्य ही बेहतरीन होंगी,पम्मी जी की अनुपस्थिति में इस सुंदर संकलन के लिए आभार यशोदाजी,
जवाब देंहटाएंऔर मेरी रचना को हलचल का एक कोना देने के लिए हृदयतल से आभार ...
आदरणीय यशोदा दीदी -- बहुत ही सुंदर हलचल और सार्थक भी | विभा दीदी के शब्द बहुत ही प्रेरक लगे मुझे | अकर्मण्यता का महिमा मंडन और कर्मण्यता से पलायन यही हो रहा है | सचमुच एकता में शक्ति है | जिम्मेवारी सबकी सांझी है |जिन्होंने इसी गुण से परहेज किया उनका अस्तित्व खतरे में पड़ा है | सादर आभार इतने सुंदर चिंतन के लिए |मुझे भी कुछ कहने का मौक़ा मिल गया | सभी रचनाएँ अति उत्तम और प्रेरक है | सभी रचनाकारों को बधाई | सादर --
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