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बड़ी दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
आखिर आप भी रंग गई
इस प्रेमलीला में
14 को ताण्डव भी होगा
हांथ में धतूरे का फूल जरूर
रखिएगा
अच्छी प्रस्तुति
सादर
सुप्रभात् विभा दी,
जवाब देंहटाएंप्रेम के रंग रंगी रचनाएँ बहुत सुंदर हैं। हमेशा की तरह अलग प्रस्तुति एवं आकर्षक प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी दी।
हैप्पी टैडी डे
जवाब देंहटाएंसादर
Nice presentation
जवाब देंहटाएंआकर्षक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंप्रेम में डूबा ये वैलेंटाइन वीक, प्रेम के सुखद अहसासो से अवगत करा रहा है ऐसा ही पढ़कर अहसास हुआ... सुंदर प्रस्तुति...!!
जवाब देंहटाएंफगुनाहट का स्वागत है
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुतिकरण प्रेम के रंग में रंगे खूबसूरत लिंक संकलन.....
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति आदरणीय विभा दी की....इस बार का रंग ही अलग है....प्रेम की खुशबू से सराबोर !
जवाब देंहटाएंआदरणीय विभा दीदी -- सादर प्रणाम | आपकी अलग अदा की प्रशंसक हूँ | मैं नहीं जानती टेडी बार डे के बारे में हां प्रेम पर बशीर बद्र का एक शेर बहुत ही पसंद है --
जवाब देंहटाएंसरे राह कुछ भी कहा नहीं, कभी उसके घर में गया नहीं
मैं जनम-जनम से उसी का हूँ, उसे आज तक ये पता नहीं--
सभी कथित प्रेमियों को शुभकामनाएं | और आपको सादर हार्दिक बधाई मेहनत से संजोये रंगीले संयोजन के लिए |
बचपन फिर ना लौटेगा
जवाब देंहटाएंवो बचपन की किलकारियां
ना कोई दुश्मन ना यारियां
सर पे ना कोई ज़िम्मेदारियाँ
वो मासूम सी होशियारियाँ,
वो बचपन फिर ना लौटेगा !
वो धूप में नंगे पाँव दौड़ना
कभी कीचड़ में लौटना
ना हारना ना कभी थकना
कभी बे वजह मुस्कुराना,
वो बचपन फिर ना लौटेगा !
गली गली बेवजह दौड़ना
खिलोने पटक कर तोड़ना
टूटे खिलोने फिर से जोड़ना
छोटी छोटी बात पर रूठना,
वो बचपन फिर ना लौटेगा !
कभी मिटटी के घर बनाना
घरों को फिर मिटटी से सजाना
कभी दिन भर माँ को सताना
फिर माँ की छाती से लिपट सो जाना,
वो बचपन फिर ना लौटेगा
हाँ !! वो बचपन फिर ना लौटेगा
https://deshwali.blogspot.com/2018/02/blog-post_11.html